पश्चिमी उत्तर प्रदेश को राज्य का ‘चीनी का कटोरा’ कहा जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में गन्ने की फसल काफी मात्रा में उगायी जाती है। लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही यहां के किसानों को गन्ना छोड़कर कुछ और फसल उगाने को कह रहे हैं। दरअसल 154 किलोमीटर लंबे दिल्ली-सहारनपुर हाइवे के शिलान्यास के मौके पर योगी आदित्यनाथ ने बागपत में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि “किसानों को गन्ने के अलावा अन्य फसल उगाने की भी आदत डालनी चाहिए क्योंकि गन्ने का ज्यादा उत्पादन उसके ज्यादा उपभोग को बढ़ाता है, जो कि डायबिटीज का बड़ा कारण है। किसानों को सब्जियां भी उगानी चाहिए क्योंकि दिल्ली में सब्जियों के लिए बड़ा बाजार है। आप लोग इन दिनों बहुत ज्यादा गन्ने का उत्पादन कर रहे हैं।”
दिल्ली-सहारनपुर हाइवे मुजफ्फरनगर और शामली से होकर गुजरेगा और इस हाइवे की लागत 1505 करोड़ रुपए होगी। गन्ने के बकाया भुगतान के मुद्दे पर अपनी सरकार का पक्ष रखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “उनकी सरकार ने इस साल 26000 करोड़ रुपए के गन्ना बकाए का भुगतान कर दिया है और बाकी बचा हुआ 10000 करोड़ रुपए का भुगतान भी जल्द ही कर दिया जाएगा। हमारी सरकार ने राज्य के किसानों के लिए काफी उपाय किए हैं।” कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। इस दौरान अपने भाषण में नितिन गडकरी ने कहा कि इस क्षेत्र के किसानों के हालात बहुत जल्द बदलने वाले हैं। किसान जल्द ही गुड़ और पेट्रोल मिलाकर बनने वाले एथेनॉल से भी ज्यादा कमाई कर सकेंगे।
गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा किसानों को अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुटी है, लेकिन गन्ने की फसल का बकाया भुगतान उसके लिए गले की फांस बना हुआ है। राज्य के किसानों का करीब 10000 करोड़ रुपए का गन्ना बकाया भुगतान अभी भी नहीं मिल पाया है। जिसके चलते राज्य के किसान भाजपा सरकार से थोड़ा नाराज बताए जा रहे हैं। बीते दिनों कैराना लोकसभा के उपचुनाव में भी पार्टी को किसानों की इसी नाराजगी का नुकसान उठाना पड़ा था। विपक्षी पार्टियों ने यहां के किसानों का गन्ने के बकाया भुगतान का मुद्दा खूब उठाया था। यही वजह रही कि भाजपा के दबदबे वाली कैराना लोकसभा सीट रालोद के कब्जे में चली गई।