उत्तर प्रदेश के लखनऊ में खाद्य सुरक्षा अधिकारी से मारपीट के मामले में नामजद और अपनी पार्टी से कारण बताओ नोटिस पाने वाले भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर को मंगलवार को विधानसभा में ही घरने पर बैठ गए। बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में बोलने नहीं दिए जाने से नाराज सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों और विपक्ष के सदस्यों ने इस जमकर हंगामा काटा है। इस वजह से सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ गई थी। बता दें कि बाद में संसदीय कार्य मंत्री के आश्वासन पर ही यह घरना खत्म हुआ है। वहीं यह भी बाते सामने आ रही है कि भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने मंगलवार (17 दिसंबर) को सीएम योगी से मुलाकात की थी और अपनी समस्या बताया। सीएम ने गुर्जर को विश्वास दिलाया की उनकी समस्या पर ध्यान दिया जाएगा।
सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर विपक्ष ने साधा निशानाः मामले में बयान देते हुए निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया, कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना और बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्ता पक्ष के विधायकों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पडी।
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बीजेपी विधायकों ने सदन के अंदर लगाए नारेः बता दें कि गुर्जर अपना बात रखना चाहते थे, जिसकी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद सदन के बाहर लॉबी में विरोध प्रकट करने के बाद गुर्जर सहित उनके समर्थन में भाजपा के अन्य विधायक सदन के अंदर आ गए और नारेबाजी करने लगे। उनका साथ विपक्षी सदस्यों ने भी दिया।
सदन स्थगित होने पर भी विधायक विरोध करते रहेः हंगामा थमता ना देख दीक्षित ने लगभग पौने दो बजे सदन की बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद पंद्रह-पंद्रह मिनट के लिए दो बार बैठक फिर स्थगित करनी पड़ी। कार्रवाई फिर शुरू होने पर भी सत्ता पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्षी विधायकों की नारेबाजी शुरू हो गई। वे ‘विधायक एकता जिन्दाबाद’ के नारे भी लगा रहे थे। इसके बाद सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक हालांकि कार्रवाई स्थगित होने के बाद भी विरोध करते हुए सदन में ही बैठे रहे।
विधायक के अपमान का विपक्ष ने लगाया आरोपः गौरतलब है कि स्थगन के दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और गन्ना मंत्री सुरेश राणा सहित सरकार के कुछ मंत्री गुर्जर को समझाते नजर आए लेकिन बात बनी नहीं। इससे पहले दीक्षित ने कहा कि उन्होंने समस्या को समझने का प्रयास किया है और समस्या का समाधान भी होगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि जब विधायक की बात ही नहीं सुनी जा रही है तो समस्या का समाधान कैसे होगा। मामले में चौधरी ने यह भी कहा कि विधायक का यह अपमान हुआ है।
संसदीय कार्य मंत्री के आश्वासन पर खत्म हुआ घरनाः संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस पूरे मामले में बोलते हुए कहा कि कोई अपमानित नहीं हुआ है। विपक्ष को कोई ना कोई मुददा चाहिए। बता दें कि शाम लगभग सात बजे दीक्षित ने विधायकों से बात कर समाधान का आश्वासन भी दिया, जिसके बाद सब विधायक सदन से चले गए। इस पर पार्टी सूत्रों ने बताया कि धरने की खबर सही नहीं है। सब कुछ पूर्ण सहमति से हल हो गया है।