अयोध्या स्थित राम मंदिर के लिए भगवान राम की प्रतिमा बनाने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज की वीजा एप्लिकेशन को अमेरिका ने रिजेक्ट कर दिया है। न्यूज एजेसी PTI ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। अरुण योगीराज को इस महीने के अंत में बीस दिनों के लिए अमेरिका जाना था।
41 साल के अरुण योगीराज को अमेरिका के वर्जीनिया में आयोजित की जा रही 12th AKKA वर्ल्ड कन्नड़ कॉन्फ्रेंस ((एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूट ऑफ अमेरिका)) में हिस्सा लेने के लिए जाना था। यह कार्यक्रम वर्जीनिया के रिचमंड में होना है।
पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि अरुण योगीराज को अमेरिका में कुछ अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेना था। उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया कि उन्होंने वीजा के लिए अप्लाई किया था, सभी कॉलम भी भरे थे और जरूरी दस्तावेज भी जमा किए थे लेकिन उनकी एप्लिकेशन रिजेक्ट कर दी गई। वीजा एप्लिकेशन क्यों रिजेक्ट की गई इसकी जानकारी नहीं है।
कौन हैं अरुण योगीराज?
अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसुरु जिले के अग्रहारा से संबंध रखते हैं। उनका परिवार पिछली पांच पीढ़ियों से मूर्तियां रचने का काम कर रहा है। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था। पारिवारिक काम होने के बाद भी अरुण योगीराज ने शुरू में मूर्तियों की रचना को फूट टाइम प्रोफेशन के रूप में नहीं चुना।
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री के बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में काम किया। कुछ समय बाद साल 2008 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और फिर अपने जुनून पर फूल टाइम काम किया। उनकी शादी विजेता से हुई है और दोनों के दो बच्चे हैं।
इंडिया गेट पर कुछ समय पहले लगाई गई सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की प्रतिमा का भी निर्माण उन्होंने ही किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अरुण योगीराज के काम के लिए उनकी तारीफ कर चुके हैं। अरुण योगीराज ने ही केदरनाथ में लगाई गई 12 फीट की आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का निर्माण किया था। इस प्रतिमा को 2013 की बाढ़ के बाद रीडेवलवप किया गया।