अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के काश पटेल फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन(FBI) का नया निदेशक बनाया है। उनकी नियुक्त पर सीनेट ने अपनी मुहर भी लगा दी है। काश पटेल की नियुक्ति को अमेरिकी सीनेट ने 51-49 के मतों से मंजूरी दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

इस फैसले का हालांकि, डेमोक्रेट्स ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने पटेल की योग्यता, उनके पुराने बयानों और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी नज़दीकी पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि काश पटेल ट्रंप के इशारे पर काम करेंगे और रिपब्लिकन नेता के विरोधियों को निशाना बनाएंगे। काश पटेल ऐसे समय में एफबीआई की कमान संभाल रहे हैं जब एजेंसी विवादों में घिरी हुई है।

काश पटेल का कार्यकाल 10 साल का होगा

काश पटेल की नियुक्ति एफबीआई के लिए उथल-पुथल भरे समय में हुई है, जिसमें आंतरिक उथल-पुथल भी शामिल है, जिसमें न्याय विभाग द्वारा हाल ही में कई उच्च पदस्थ अधिकारियों को बर्खास्त करना और 6 जनवरी को कैपिटल दंगे से संबंधित जांच में शामिल एजेंटों के नाम मांगना शामिल है। एफबीआई निदेशक के रूप में पटेल का कार्यकाल 10 साल का होगा। उन्होंने क्रिस्टोफर रे की जगह ली है, जिन्होंने ट्रंप के दोबारा कार्यभार संभालने से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था।

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FBI की प्रतिष्ठा वापस लाएंगे- काश पटेल

काश पटेल ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा, ‘एफबीआई निदेशक के रूप में मेरा मिशन स्पष्ट है- अच्छे पुलिसवालों को पुलिसिंग करने दें और एफबीआई में लोगों का विश्वास बहाल करें।’ अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा उन्होंने कहा कि हम इस धरती के हर कोने में ऐसे तत्वों का पीछा करेंगे और उनको पकड़ेंगे।

काश पटेल के माता-पिता गुजरात से जाकर न्यूयॉर्क में बसे थे

काश पटेल का भारत से भी नाता है। उनके माता-पिता गुजरात से जाकर न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में बसे थे। दोनों पहले कनाडा में रहे और फिर 1970 में अमेरिका पहुंचे थे। काश पटेल ने रिचमंड विश्वविद्यालय और पेस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानून की डिग्री हासिल की है। पटेल ने 2017 में तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के अंतिम कुछ हफ्तों में अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ के रूप में भी काम किया था। पढ़ें- ट्रंप ने भारत की रोक दी 21 मिलियन डॉलर की मदद