अमेरिका से भारत डीपोर्ट किए गए भारतीयों की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। हालात ऐसे बने हुए हैं कि एक के बाद एक जांच उनके ऊपर बैठाई जा रही है। अब पता यह चला है कि जिन भारतीयों को अमेरिका ने डीपोर्ट किया था, उनमें से 33 गुजरात के थे। अब गुजरात पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन लोगों ने क्या वीजा भी फर्जी तरीके से हासिल किया था, क्या इन्होंने किसी गलत रास्ते के जरिए वीजा का जुगाड़ लगवाया?

असल में जो 104 भारतीय अमेरिका से डीपोर्ट किए गए हैं, उनमें से 33 गुजरात के निकले हैं, इनमें कपल, बच्चे और परिवार सब शामिल हैं। अब गुजरात पुलिस ने कई जिलों के SPs से संपर्क साधा है। कहा गया है कि इस मामले में विस्तृत जांच करनी होगी, जब लोग अपने सदमे से बाहर आ जाएं तो पूरी जानकारी निकालनी होगी। वैसे तो गुजरात की सरकार ने एक जारी बयान में कहा है कि इस मामले में संवेदनशीलता दिखानी होगी, लेकिन माना जा रहा है कि इन 33 भारतीयों से उनकी पूरी ट्रैवल हिस्ट्री पूछी जाएगी।

वैसे यह केस इतना आसान भी नहीं रहने वाला है। गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि जिन लोगों को डीपोर्ट किया गया है, वो गुजरात के अलग-अलग जिलों से आते हैं, वो अलग-अलग समय पर अमेरिका गए थे। ऐसे में एक ही शिकायत दर्ज कर मामले की जांच करना मुश्किल रह सकता है। इसी वजह से कहा गया है कि जिले की स्थानीय पुलिस ही अपने स्तर पर शिकायत दर्ज कर जांच शुरू करे।

जानकारी तो यह भी मिली है कि पुलिस जानने की कोशिश करेगी कि आखिर इन लोगों ने वीजा के लिए अप्लाई किस तरीके से किया था। कहीं ऐसा तो नहीं कि फर्जी दस्तावेज दिखाकर वीजा हासिल किया गया हो। अब इसी पहलू की जांच होनी बाकी है और यही इन डीपोर्ट हुए भारतीयों की सबसे बड़ी चुनौती भी रहने वाला है। वैसे इस समय एक तरफ डीपोर्ट हुए भारतीयों से पूछताछ होने वाली है, दूसरी तरफ उन्हें जिस तरीके से अमेरिका से भेजा गया, उस पर भी विवाद है।

असल में जब अमेरिका के मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट से इन भारतीयों को वापस भेजा गया था, उनके हाथ बंधे हुए थे। उसी बात को लेकर बवाल हुआ, विपक्ष ने इसे भारत का बड़ा अपमान बताया। इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इतना जरूर कहा है कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है और पहले भी ऐसे ही भारतीयों की डीपोर्ट किया गया है।