China-India Relations: एक ओर चीन अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर में दो-दो हाथ कर रहा है तो दूसरी ओर वह भारत के लिए बड़ा दिल दिखा रहा है। ऐसा इस वजह से कहा जा रहा है क्योंकि भारत में स्थित चीनी दूतावास ने इस साल 85 हजार से ज्यादा भारतीयों को वीजा जारी किया है। ये वीजा 1 जनवरी से 9 अप्रैल, 2025 के बीच जारी किए गए हैं।
चीन के द्वारा वीजा मामले में बड़ा दिल दिखाए जाने को दोनों देशों के लोगों के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
दूसरी ओर, ट्रंप ने जब चीन से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ को बढ़ाकर 145% किया तो ड्रैगन ने इसके जवाब में अमेरिका से आने वाले सामान पर 125% टैरिफ लगा दिया।
भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को उनके मुल्क में आने और वहां के माहौल का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया है। चीन के द्वारा जारी किए गए वीजा में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है क्योंकि 2023 में पूरे साल भर में कुल 1,80,000 भारतीयों को चीन ने वीजा दिया था लेकिन इस बार चार महीने से भी कम वक्त में ही यह 85 हजार का आंकड़ा पार कर गया है।
चीन ने उठाए बड़े कदम
पिछले साल चीन ने वीजा संबंधी नियमों में काफी छूट भी दी थी। जैसे- चीन जाने वाले भारतीयों को अब वीजा एप्लीकेशन जमा करने से पहले ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट बुक करने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय वे सीधे वर्किंग डेज के दौरान ही वीजा सेंटर पर अपनी एप्लीकेशन जमा कर सकते हैं।
इसके अलावा 180 से कम दिनों के लिए शॉर्ट टर्म, सिंगल या डबल एंट्री वीजा के लिए अप्लाई करने वाले लोगों को बायोमीट्रिक डाटा जैसे फिंगरप्रिंट देने से भी छूट दी गई है। इसके अलावा चीन ने वीजा एप्लीकेशन के लिए लगने वाली फीस को भी कम कर दिया है।
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ऐसे में यह सवाल मन में जरूर आता है कि चीन क्या भारत के साथ अपने संबंधों को और बेहतर करना चाहता है? बताना होगा कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर तेज हो गया है। चीन ने भारत और अन्य देशों से आग्रह किया है कि वे अमेरिका की ओर से लगाए जा रहे मनमाने टैरिफ के विरोध में उसके साथ खड़े हों।
भारत में स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत और चीन को अमेरिका की टैरिफ कार्रवाई से निपटने के लिए एक साथ आना चाहिए।
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