फिल्मों से राजनीति में आईं उर्मिला मातोंडकर और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा की। करीब पांच महीने पहले कांग्रेस में शामिल हुईं उर्मिला ने ‘पार्टी के भीतर की तुच्छ राजनीति’ को कांग्रेस छोड़ने की वजह बताई है। उधर, उर्मिला के पार्टी से बाहर जाने के बाद कुछ नेताओं ने नेतृत्व की आलोचना की है। उनका कहना है कि पार्टी उन लोगों को टिकट देती है, जो चुनाव से ऐन पहले शामिल होते हैं।
बता दें कि मातोंडकर ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस जॉइन की थी। उन्हें पार्टी ने मुंबई नॉर्थ सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। एआईसीसी के मीडिया पैनलिस्ट सीआर केशवन ने ट्वीट करके लिखा, ‘पार्टियों के साथ ईमानदारी के साथ खड़े रहने वाले लोगों को राजनीतिक पर्यटकों की वजह से नजरअंदाज किया जाता है।’ इस पर कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने जवाब लिखा, ‘आप और हम वफादार बेवकूफ हैं।’
वहीं, सीआर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए त्रिपुरा कांग्रेस के प्रेसिडेंट प्रद्युत देव वर्मन ने तो खुद को ‘पॉलिटिकल रिफ्यूजी’ बता दिया, जिन्हें छोटे फायदों के लिए नजरअंदाज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ‘उनके जैसे लोग’, जो विपक्ष में रहते हुए बीते 26 साल से पार्टी के साथ खड़े हैं, कभी कभी निराश और अलग-थलग महसूस करते हैं।
बता दें कि मातोंडकर ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर उत्तर मुंबई सीट से चुनाव लड़ने वाली मातोंडकर को हार मिले लेकिन उन्हें 2,41,431 वोट मिले थे। इन नेताओं के इस्तीफे को कांग्रेस के लिए एक झटका माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी को अगले महीने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का सामना करना है और वह इस समय अपने नेताओं को एकजुट रखने के लिए जूझ रही है। मातोंडकर ने अपने बयान में कहा कि मुंबई कांग्रेस के मुख्य पदाधिकारी या तो पार्टी को मजबूत बनाना ही नहीं चाहते हैं अथवा वे ऐसा करने में अक्षम हैं।
मातोंडकर ने कहा कि उनके मन में पहली बार इस्तीफा देने की बात तब आई जब मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को 16 मई के लिखे पत्र में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ”कोई कार्रवाई” नहीं की गई। अपने पत्र में उन्होंने मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम के करीबी सहयोगियों संदेश कोंदविल्कर और भूषण पाटिल की आलोचना की थी।
मातोंडकर ने कहा, ‘‘चिट्ठी में विशेषाधिकार प्राप्त और गोपनीय बातें थीं, जिसे आसानी से मीडिया में लीक कर दिया गया, जो मेरे मुताबिक घोर विश्वासघात था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कहने की जरूरत नहीं है कि मेरे द्वारा लगातार विरोध के बावजूद पार्टी में किसी भी व्यक्ति ने माफी नहीं मांगी या मेरे प्रति कोई सरोकार नहीं दिखाया।’’
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)