जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में शहीदों की संख्या 19 हो गई है। बीएसएफ जवान पिताबस माझी (30) पिछले रविवार को हुए उरी हमले के बाद जारी तलाशी अभियान के दौरान घायल हो गए थे। शनिवार रात को उनकी मौत हो गई थी। इससे पहले एक और जवान की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

नौपाड़ा जिले के दंझोला गांव के रहने वाले माझी पिछले रविवार को तलाशी अभियान के दौरान घायल हो गए थे। माझी ने 2008 में बीएसएफ ज्वाइंन की थी और दशहरा पर अपने पहले बच्चे के जन्म के साक्षी बनने के लिए घर आने वाले थे। माझी पिछली बार रथयात्रा पर 26 अगस्त को घर आए थे। माझी ने 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान पत्नी से बात की थी और जल्द घर आने का वादा किया था। अधिकारिक जानकारी के मुताबिक माझी का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचेगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

इससे पहले आतंकी हमले में घायल सिपाही के विकास जनार्दन को दिल्ली के आर एंड आर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने सोमवार को दम तोड़ दिया। इसके साथ ही हमले में शहीदों की संख्या 18 हो गई थी। रविवार को उरी हमले में 17 जवानों के शहीद होने और करीब 32 जवानों के घायल होने की खबर आई थी। इस हमले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने की बात सामने आई थी। हमले के खिलाफ पूरे देश की जनता में गुस्सा है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उरी हमले के कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने रविवार को कार्यक्रम ‘मन की बात’ में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दोषियों को सजा जरुर मिलेगी। हमारी सेना बोलती नहीं है, सेना पराक्रम करती है। हमें भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है और उन पर गर्व है। पीएम मोदी ने कश्मीर में जारी हिंसा पर कहा कि कश्मीरी लोगों की रक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। कभी-कभी लोगों की सुरक्षा के लिए हमें कड़े कदम उठाने पड़ते हैं।