दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में हुए हादसे को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। इस बीच गृह मंत्रालय ने घटना की जांच के लिए एक हाई-लेवल कमेटी गठित कर दी है। संसद में एक तरफ जहां सत्ता पक्ष ने आम आदमी पार्टी को घटना का जिम्मेदार बताया तो वहीं विपक्ष ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोचिंग सेंटरों की संस्कृति किसी ‘गैस चैंबर’ से कम नहीं हो गई है। इस दौरान उन्होंने कोचिंग संस्थानों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा का बाजारीकरण हो रहा है।
जगदीप धनकड़ ने कहा, “कोचिंग एक फलता-फूलता उद्योग बन गया है, जब भी हम अखबार पढ़ते हैं, तो पहले एक या दो पन्ने विज्ञापनों से भरे होते हैं। विज्ञापन पर खर्च किया गया हर पैसा छात्रों से आ रहा है।”
जगदीप धनकड़ ने कहा, “कोचिंग एक फलता-फूलता उद्योग बन गया है, जब भी हम अखबार पढ़ते हैं, तो पहले एक या दो पन्ने विज्ञापनों से भरे होते हैं। विज्ञापन पर खर्च किया गया हर पैसा छात्रों से आ रहा है।”
‘राज्य सरकारें अपनी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकती’
धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि अवैध कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई करने की बात आने पर राज्य अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आप सरकार की कथित लापरवाही के कारण तीन मौतें हुईं। उन्होंने आरोप लगाया कि आप नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं और आप सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी में सीवर लाइनों का रखरखाव न करने का आरोप लगाया जो हरियाणा तक फैली हुई हैं।
संजय सिंह ने दिए जवाब
इस बहस में भाग लेते हुए आप सांसद संजय सिंह ने दिल्ली सरकार का बचाव करते हुए दावा किया कि उनकी सरकार ने शहर की सीवर लाइनों का अच्छा प्रबंधन किया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने बेहतर तरीके से सीवर लाइनों से आने वाली समस्याओं का निपटारा किया है।
दिल्ली में कोचिंग सेंटर को संचालित करने की अनुमति क्यों दी गई? इस पर संजय सिंह ने कहा कि ऐसे कोचिंग सेंटर पिछले 20-25 सालों से चल रहे हैं, जिस दौरान भाजपा लंबे वक़्त तक एमसीडी में थी।