Suresh Gopi Controversial Remark: केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रचार को संबोधित करते हुए जातिवादी टिप्पणी करने के कारण नए विवाद में फंस गए हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने सुझाव दिया कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय का मैनेजमेंट ऊंची जातियों के लोगों के द्वारा किया जाना चाहिए।

पर्यटन विभाग का भी प्रभार संभाल रहे गोपी ने कहा, ‘यह हमारे देश का अभिशाप है कि आदिवासी समुदाय से ही कोई व्यक्ति आदिवासी मामलों का मंत्री बनाया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह मेरा सपना और उम्मीद है कि आदिवासी समुदाय के बाहर से किसी को उनके कल्याण के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए। किसी ब्राह्मण या नायडू को कार्यभार संभालने दें। इससे महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। इसी तरह आदिवासी नेताओं को अगड़े समुदायों के कल्याण के लिए विभाग दिया जाना चाहिए।’

आदिवासी मामलों का मंत्रालय देने का किया था आग्रह

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि ऐसा बदलाव लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंदर होना चाहिए और उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आदिवासी मामलों का मंत्रालय उन्हें आवंटित करने का आग्रह किया था। इस विवादास्पद बयान के कारण गोपी को केरल में वामपंथी दलों के गुस्से का सामना करना पड़ा। भाकपा के राज्य सचिव बिनय विश्वम ने गोपी पर निशाना साधते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन से भी इस्तीफा देने की मांग की और उन पर संघीय सिद्धांतों की अवहेलना करने और केरल का अपमान करने का आरोप लगाया। कुरियन ने शनिवार को कहा कि राज्य को केंद्र से ज्यादा धन हासिल करने के लिए शिक्षा, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण में खुद को पिछड़ा घोषित करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री के बयान से सियासी बवाल

गोपी ने बाद में बयान पर दी सफाई

सोशल मीडिया पर मामले के तूल पकड़ने के बाद में बीजेपी नेता ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने यह भाषण दिल से दिया था। मेरा इरादा सिर्फ विभागों के आवंटन में जातिगत भेदभाव को खत्म करना था। मैं एक ऐसी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा हूं जिसने आदिवासी समुदाय की एक महिला को भारत का राष्ट्रपति नियुक्त किया है। मैंने अगड़े समुदायों की तरक्की के लिए निचली जाति से एक मंत्री नियुक्त करने की भी मांग की थी।’ महाकुंभ में हुई मौतों को लेकर अफसरों पर भड़के BJP विधायक नंद किशोर गुर्जर पढ़ें पूरी खबर…