उत्तर प्रदेश के आगरा में एक परिवार को श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। इलाके के लोगों ने पीड़ित पक्ष को नीची जाति का बता अंत्येष्टि करने से मना कर दिया। कहा कि ये श्मशान घाट उनका है, लिहाजा कोई और वहां दाह संस्कार नहीं कर सकता। आरोपियों द्वारा मना किए जाने के बाद पीड़ित परिवार को लाश चिता से उठाकर दूसरी जगह ले जानी पड़ी, तब जाकर वहां अंतिम संस्कार किया गया।
पत्रकार बरखा दत्त के ‘Mojo’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला रायभा गांव का है, जहां नीची जाति की एक महिला की लाश का दाह संस्कार करने पर स्थानीयों ने आपत्ति जताई। बाद में उसे चिता से उठा कर कहीं और ले जाया गया। मामले की जानकारी पर पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है।
पीड़ित पक्ष की ओर से मृतका के ससुर बृजपाल ने बताया, “हम यहां सालों से रहते हैं। यहां समाजियों की जगह है, उसे दबंगों ने कब्जा रखी है। हमारी बहु खत्म हो चुकी थी। हम उसकी लाश लेकर श्मशान लेकर गए। वहां लोगों ने विरोध किया। कहा- यहां अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे।”
बकौल पीड़ित, “विरोध करने वाले लोग गांव के ही थे। वे ठाकुर समाज से हैं। उन्होंने कि यहां उनके अलावा और कोई दाह संस्कार नहीं कर सकता। हमने वहां चिता जमाकर हम प्रक्रिया शुरू करने जा रहे, तभी उन्होंने मना कर दिया।”
#Agra: Upper Caste deny cremation of a lower caste woman in Raibha village. Body of the woman was removed from the pyre & cremated at a different place. Police probing the matter. pic.twitter.com/w5Msfk1IhV
— Mojo Story (@themojo_in) July 23, 2020
पीड़ित के मुताबिक, मौके पर पुलिस आई। मामले में दखल दी, फिर भी लोगों ने विरोध किया। ग्राम प्रधान ने भी पीड़ित पक्ष की तरफ से बात रखी, मगर वे लोग नहीं माने। लोगों के विरोध को देखते हुए पीड़ित पक्ष ने वहां से हटना ही उचित समझा।