योगी आदित्यनाथ सरकार के चार साल होने पर अखलाक हत्याकांड की वजह से सुर्खियों में रहे बिसाहड़ा गांव में भाजपा नेताओं का जमकर विरोध हुआ। योगी सरकार के चार साल पूरे होने पर भाजपा नेता ग्रामीणों को सरकार की उपलब्धियां बताने आए थे। लेकिन बीजेपी नेताओं को गांव वालों का इतना तीखा विरोध झेलना पड़ा कि बमुश्किल से ही सभा हो पाई। स्थानीय लोगों ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
दरअसल बीते शनिवार को पश्चिमी उत्तरप्रदेश के भाजपा अध्यक्ष मोहित बेनीवाल योगी सरकार के चार साल पूरा होने पर बिसहाड़ा गांव में लोगों को उपलब्धियां गिनाने आए थे। लेकिन नेताओं के मंच पर पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने जमकर नारेबाजी की। स्थिति ऐसी हो गई कि अधिकांश लोग कार्यक्रम छोड़ कर जाने लगे। लेकिन बाद में भाजपा नेताओं के काफी समझाने और मान मनौवल के बाद लोग शांत हुए और बीजेपी के द्वारा आयोजित जनसभा हो सकी।
बिसहाड़ा गांव के लोग उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से दो वजहों से नाराज हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि तीन महीने पहले दनकौर ब्लॉक को ख़त्म कर दिया गया। अब क्षेत्र के ठाकुर बहुल गांव को दादरी से निकाल कर बिसरख में शामिल किया गया है और इसके पीछे ठाकुर समाज की राजनीतिक शक्ति को ख़त्म करने की साजिश रची जा रही है। साथ ही बिसहाड़ा गांव के लोग उनके क्षेत्र के वार्ड नंबर-1 को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करने से भी नाराज हैं।
बता दें कि इसी बिसहाड़ा गांव में साल 2015 में कथित रूप से गौमांस रखने के आरोप में मोहम्मद अख़लाक़ नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। 28 सितंबर 2015 को दंगाई भीड़ ने मोहम्मद अख़लाक़ के घर के ऊपर हमला कर दिया था और पीट-पीट कर उनकी जान ले ली थी।
इस घटना को लेकर उस वक्त काफी हंगामा मचा था और कई नामचीन लोगों ने विरोध स्वरूप अपने पुरस्कार लौटा दिए थे। पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।