बुलंदशहर में हुए 2018 के दंगों का आरोपी पंचायत चुनाव जीतने वाले लोगों की फेहरिस्त में शामिल है। इन दंगों में बुलंदशहर की स्याना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। वार्ड नंबर 5 के चुनाव में योगेश कुमार ने 10352 वोट लेकर निर्दोष चौधरी को हराया। यहां कुल 27763 वोट पड़े थे।

दंगा मामले में योगेश को 2019 में जमानत मिल गई थी। उसका कहना है कि उस पर दंगा भड़काने का आरोप है। हत्या का चार्ज कभी नहीं लगा। वो फिलहाल जमानत पर बाहर है। बकौल योगेश, उसकी अगली योजना 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की है। जीत के बाद उसने कहा कि बहुत सारे मुद्दे ऐसे हैं जिन्हें राजनीतिक इच्छाशक्ति से सुलझाया जा सकता है। इनमें अक्षम, विधवाओं और किसानों की समस्याएं भी शामिल हैं।

योगेश को जनवरी 2019 में दंगा मामले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि बुलंदशहर की स्याना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के लिए भीड़ को उसने ही उकसाया था। उस समय वो बजरंग दल का नेता हुआ करता था। SIT 3 हजार पेज की चार्जशीट के मुताबिक- योगेश ने सबसे पहले गोकशी की शिकायत की थी। उसने ही भीड़ को भड़काने का काम किया।

इंस्पेक्टर की हत्या के आरोप में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हिंसा के बाद योगेश फरार हो गया था। पहले वो एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था और उसके बाद इसने साल 2016 में बजरंग दल ज्वाइन किया। बाद में वो इसका जिला संयोजक बन बैठा। वो मूल रूप से नयाबांस गांव का रहने वाला है। हालांकि, हिंसा के बाद बजरंग दल ने उससे अपना पल्ला झाड़ लिया था।

गौरतलब है कि 2018 में यूपी के बुलंदशहर के स्याना तहसील के गांव महाव में गोवंश के अवशेष मिलने पर पुलिस, हिंदूवादी संगठनों और ग्रामीणों में जमकर टकराव हुआ। गुस्साए ग्रामीणों ने चिंगरावठी चौकी के पास सड़क पर जाम लगा दिया। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने पथराव करना शुरू कर दिया। भीड़ ने चौकी के बाहर खड़े पुलिस के दर्जनों वाहनों में आग लगा दी।

हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने हवाई फायरिंग की। इस पर ग्रामीणों ने सुबोध कुमार पर हमला बोल दिया। इसमें एक गोली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और एक युवक सुमित को लगी जिसमें दोनों की मौत हो गई। इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं, पहली गोकशी की और दूसरी हिंसा की।