उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में तुर्कपट्टी थाने के अंतर्गत आने वाले बैरागीपट्टी गांव स्थित एक मस्जिद में पिछले सोमवार को धमाका हुआ था। शुक्रवार को इस मामले में पुलिस ने एक पूर्व आर्मी मेजर और उसके दादा को गिरफ्तार कर लिया। दोनों इस मामले में मुख्य अभियुक्त हैं। अभी तक इस मामले में कुछ 6 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

वारदात के बाद से ही मुख्य अभियुक्त कुतुबद्दीन अंसारी और उनका पोता डॉक्टर अशफाक फरार चल रहे थे। अशफाक मेडिकल कॉर्प्स में आर्मी मेजर रहे हैं। वहीं, अंसारी एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं। आरोप है कि दोनों ने मस्जिद के अंदर विस्फोटक रखे जिसकी वजह से धमाका हुआ।

पुलिस ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के रहने वाले मस्जिद के धर्मगुरु 28 वर्षीय मौलाना अजीमुद्दीन और तीन स्थानीय लोगों इजहार, आशिक और जावेद को बुधवार को गिरफ्तार किया था। इन पर इस वारदात में शामिल होने का आरोप है। स्थानीय अदालत में पेश किए जाने के बाद इन्हें जेल भेज दिया गया था। वहीं, गुरुवार को पुलिस को इन आरोपियों को रिमांड पर लेने की इजाजत मिल गई थी।

चारों अभियुक्त को शुक्रवार सुबह से 48 घंटे की पुलिस कस्टडी में सौंपा गया। पुलिस इस मामले में एक अन्य स्थानीय को भी ढूंढ रही है, जिसका नाम मुन्ना है। इस मामले में दर्ज कराई एफआईआर में मुन्ना का नाम भी शामिल है। गोरखपुर रेंज के आईजी जय नारायण सिंह ने कहा कि अंसारी और अशफाक समेत सभी छह अभियुक्तों से फिलहाल पूछताछ चल रही है।

पुलिस ने बताया कि सबसे पहले अजीमुद्दीन ने पुलिस को सूचना दी थी कि अंसारी के विस्फोटकों से भरा बैग मस्जिद में रखा है। मामले की जांच से जुड़े एक पुलिसवाले ने बताया, ‘पूछताछ के दौरान अंसारी ने इस बात से इनकार किया कि उसने मस्जिद में विस्फोटक रखे थे। जब अजीमुद्दीन से दोबारा सवाल-जवाब किए गए तो उसने अपना शुरुआती बयान बदल दिया और कहा कि उसे पता नहीं कि मस्जिद में किसने विस्फोटक रखे। अंसारी और अजीमुद्दीन का आमना-सामना कराया गया, लेकिन अभी तक कुछ सामने नहीं आया है।’

यूपी पुलिस ने बंगाल में अजीमुद्दीन की पिछली जिंदगी के बारे में भी पड़ताल किया लेकिन कुछ भी संदिग्ध सामने नहीं आया। यूपी के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वारदात के मकसद के बारे में फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि जांच फिलहाल चल रही है। पुलिस अब धटनास्थल से जुटाई सामग्री के फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि धमाके के वक्त अशफाक मस्जिद में मौजूद था। धमाके की वजह से मस्जिद की दीवारों और शीशों को नुकसान पहुंचा था। कुशीनगर के एसपी विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि डॉक्टर अशफाक दो साल पहले आर्मी मेजर (मेडिकल कॉर्प्स) के पद से रिटायर हुए। उनकी आखिरी तैनाती हैदराबाद में थी। अशफाक की पत्नी भी डॉक्टर हैं, जो इंडियन आर्मी में सेवाएं दे रही हैं और हैदराबाद में तैनात हैं।