प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों एवं कार्यक्रमों से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक मुस्लिम परिवार ने अपने नवजात शिशु का नाम प्रधानमंत्री के नाम ‘नरेंद्र दामोदर दास मोदी’ रखने की बात कही थी। साथ ही सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को इस आशय का शपथ पत्र देते हुए बच्चे का नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज कर जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का अनुरोध किया था। हालांकि, अब मुस्लिम महिला ने अपने बच्चे का नाम बदलकर ‘मोहम्मद अल्ताफ आलम मोदी’ रखने की बात कही है। बच्चे के जन्मदिन को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। बच्चे की मां ने जन्मतिथि 23 मई को बताई थी, लेकिन अब कहा जा रहा है कि नवजात का जन्म 12 मई को ही हुआ था।
जानकारी के अनुसार, जिले के वजीरगंज क्षेत्र के अन्तर्गत परसापुर महरौर निवासी मोहम्मद इदरीश की पुत्रवधू मैनाज बेगम को एक बच्चा हुआ। बीते 23 मई को मतगणना के दिन जब बच्चे के नामकरण की चर्चा शुरू हुई तो इस महिला ने अपने नवजात शिशु का नाम नरेन्द्र दामोदर दास मोदी रखने की जिद पकड़ ली थी। पहले तो लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया किन्तु उसके अपने निर्णय पर अडिग रहने पर दुबई में नौकरी कर रहे उसके पति मुश्ताक अहमद से बात की गई। परिजनों के अनुसार, पति के समझाने के बाद भी जब वह नहीं मानी तो उसने भी अनुमति दे दी और अन्तत: बच्चे का नाम नरेन्द्र दामोदर दास मोदी रख दिया गया। बच्चे का यह नाम बाकायदा अभिलेखों में दर्ज हो, इसके लिए जिलाधिकारी को सम्बोधित एक शपथ पत्र सौंपा गया था।
अब पूरा मामला बदलता दिख रहा है। बच्चे की मां मैनज बेगम ने कहा कि समाज के डर से उन्होंने बच्चे का नाम बदल दिया है। बच्चे का नाम नरेंद्र मोदी के नाम पर रखे जाने की वजह से समाज के लोग काफी नाराज थे और नाम बदलने का दबाव बना रहे थे। रिश्तेदार नवजात का हकीका और खतना न होने की बात कहने लगे। आखिरकार बच्चे को मोहम्मद अल्ताफ आलम मोदी के नाम से पुकारा जाने लगा।
दूसरी ओर, डॉक्टरों का कहना है कि नवजात की जन्मतिथि 23 मई नहीं, बल्कि 12 मई है। बच्चा 12 मई को दिन करीब 12 बजे के करीब पैदा हुआ था। महिला ने लोकप्रियता हासिल करने के लिए बच्चे का नाम नरेंद्र मोदी रखा और अब कह रही है कि समाज के डर से नाम बदल दिया। (भाषा इनपुट के साथ)