उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, सियासी हलचल भी बढ़ रही है। इस बार यूपी के चुनावी मैदान में केवल कांग्रेस, सपा, बसपा और भाजपा ही रेस में नहीं दिखायी देंगे बल्कि ऐसा लग रहा है कि कई और दल भी साथ मिलकर इस मुकाबले को रोचक बनाने वाले हैं। वहीं बात करें बिहार में भाजपा की सहयोगी जेडीयू की तो वह भी इस चुनाव को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। पार्टी के नेताओं के बयानों के मुताबिक कहा जा सकता है कि यूपी चुनाव में वह भाजपा के साथ रहने के लिए अच्छी खासी सीटों का बंटवारा कराना चाहता है।

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू और भाजपा के बीच पहले चरण की बातचीत हो चुकी है। अगली बातचीत में साफ हो जाएगा कि यूपी में पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी साफ-साफ कह दिया कि अगर उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं दी जाती हैं तो पार्टी अकेले ही मैदान में उतरेगी। इसके लिए 200 सीटों को चिह्नित भी कर लिया गया है।

बता दें कि बीते दिनों जेडीयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी थी। इसमें भी 2022 के चुनाव को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। जेडीयू के तेवर से लग नहीं रहा है कि उत्तर प्रदेश में 10-15 सीटों से वह समझौता करने वाला है। उत्तर प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष अनूप पटेल का भी कहना है कि अगर ‘सही’ हिस्सेदारी उन्हें नहीं मिलती है तो भाजपा का हाल 2012 के चुनाव जैसा हो जाएगा। बता दें कि 2012 में यूपी में भाजपा को केवल 47 सीटों से संतोष करना पड़ा था।

नीतीश कुमार को पीएम मटीरियल बता रहे जेडीयू नेता
बात केवल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव तक नहीं है बल्कि जेडीयू के नेता तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मान रहे हैं। पार्टी के महासचिव केसी त्यागी भी कह चुके हैं कि 2024 में एनडीए की तरफ से नीतीश कुमार को ही प्रधानमंत्री पद का चेहरा होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि नीतीश के अंदर वे सारे गुण हैं जो कि प्रधानमंत्री बनने के लिए जरूरी होते हैं।

पार्टी के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा भी इस बात का समर्थन कर चुके हैं। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भी उन्होंने नीतीश कुमार को पीएम मटीरियाल बताया था। हालांकि जब पत्रकारों ने इसपर नीतीश कुमार से ही सवाल पूछ लिया तो वह हाथ जोड़कर कहने लगे, माफ करिए।