उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा की बंपर जीत के बाद कई मिथक टूटते नजर आये हैं। बता दें कि इस जीत के साथ सीएम योगी ने लगातार दो बार सत्ता में वापसी करने का रिकॉर्ड तो कायम किया ही साथ ही उन्होंने नोएडा ना जाने का भी भ्रम दूर कर दिया है। गौरतलब है कि मिथक तोड़ने में सिर्फ सीएम योगी ही नहीं बल्कि उनकी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी शामिल हैं।

दरअसल लखनऊ में 6 कालीदास मार्ग स्थित बंगले को ‘भूतहा’ बंगला के नाम से भी जाना जाता है। इस बंगले में रहने से हर मंत्री गुरेज करता रहा है। बता दें कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इसी बंगले में रहकर सारे मिथकों तोड़ दिया है। इस बंगले में रहने के बाद गोपाल गुप्ता नंदी ने न सिर्फ अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया बल्कि फिर से विधायक बने हैं।

माना जा रहा है कि नंदी एक बार फिर से योगी सरकार में मंत्री बन सकते हैं। दरअसल इस बंगले को लेकर कहा जाता है कि जो इस बंगले में रहने जाता है वो कई मुसीबतों से घिर जाता है और उसका अशुभ होता है। लेकिन नंद गोपाल नंदी पूरे पांच साल इस बंगले में रहे और मंत्री रहते कार्यकाल पूरा किया। 2022 में चुनाव में उन्होंने फिर जीत हासिल की है।

वैसे इस बंगले को भले अशुभ माना जा रहा हो लेकिन गोपाल गुप्ता नंदी के लिए यह बंगला शुभ साबित हुआ। बता दें कि 2017 में नंद गोपाल नंदी मंत्री बने। उसके बाद यह बंगला उन्हें अलॉट किया गया। रहने से पहले उन्होंने इस बंगले में विधिवत पूजा करवाई। अशुभ बंगले में प्रवेश के बाद उनकी पत्नी प्रयागराज की दोबारा मेयर चुनी गई। ऐसे में यह मिथक टूटता नजर आ रहा है कि इस बंगले में रहने वाला कई मुसीबतों से घिर जाता है।

अशुभ क्यों कहा जाता है: गौरतलब है कि इसी बंगले में अमर सिंह, आशु मलिक, वकार अहमद शाह जैसे नेता रह चुके हैं। देखा गया है कि समय के साथ वो मुसीबतों में घिरते नजर आए। उनका राजनीतिक ग्राफ ऊपर जाने के बजाय गिरता गया। शायद यही वजह थी कि कोई भी इस बंगले में नहीं रहना चाहता था।