उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था किस कदर लचर और लापरवाह है इसका साफ उदाहरण लोकतंत्र सेनानियों को मिलने वाली पेंशन है। इस पेंशन का लाभ प्रदेश के जाने-माने बदमाश उठा रहे हैं। लोकतंत्र सेनानियों की आड़ में कई हिस्ट्रीशीटर बदमाश भी पेंशन का लाभ उठा चुके हैं। अब मामले में जिला स्तर पर गोपनीय जांच कराई जा रही है। राजनीतिक पेंशन के प्रमुख सचिव ने इस संबंध में सभी जिलों के डीएम को इंटेलिजेंस से जांच के आदेश दिए हैं। नवभारत टाइम्स के मुताबिक लखनऊ में ही 124 लोग लोकतंत्र सेनानी के नाम पर पेंशन उठा रहे हैं। इनमें मड़ियांव थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर अपराधी जाकिर अली (71) भी शामिल हैं। जाकिर पर 12 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं बावजूद उसे लोकतंत्र सेनानी का पेंशन मिल रहा है।
इस मामले में पिछले साल नवंबर में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीलीभीत में बदमाशों को मिल रहे राजनैतिक पेंशन को लेकर डीएम को फटकार लगाई थी और जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था। दरअसल, लोकतंत्र सेनानी संगठन ने हाई कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल किया था। जिसमें अपराधियों को पेंशन देने की बात कही गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल पीलीभीत में 23 लोकतंत्र सेनानी संदेह के घेरे में हैं। यहां पर 150 लोगों को पेंशन दी जा रही है। ऐसे ही कई जिलों में राजनैतिक पेंशन ले रहे लोग संदेह के घेरे में हैं। प्रदेश में करीब 6 हजार लोकतंत्र सेनानियों को राज्य सरकार पेंशन दे रही है। इसकी कुल लागत 35.35 करोड़ रुपये प्रति माह के हिसाब से आ रही है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में यह पेंशन इमरजेंसी (25 जून, 1975 से लेकर 21 मार्च,1977) के दौरान जेल गए राजनीतिक कैदियों को सम्मान के रूप में दी जाती है। इसकी पात्रता में वे कैदी शामिल हैं जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए इमरजेंसी का विरोध किया और डीआईडीआर तथा मीसा समेत अन्य धाराओं के तहत जेल में बंद रहे। 2006 में सपा सरकार ने इस पेंशन योजना की शुरुआत की। उस वक्त लोकतंत्र सेनानियों को 5 हजार रुपये दिए जाते थे। लेकिन, 2007 में बीएसपी की सरकार सत्ता में आई और उसने इस योजना को बंद कर दिया। लेकिन, जब एसपी दोबारा सरकार में आई तो उसने 2016 में इस योजना को फिर से शुरू कर दिया और पेंशन की रकम 15 हजार रुपये कर दिए। इसके बाद बीजेपी की सरकार आई और उसने पेंशन को जारी रखा है और इसे 15 से बढ़ाकर अब 20 हजार रुपये कर दिया है। इसके अलावा इन्हें रोडवेज में नि:शुल्क यात्रा और अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है।
