उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अपने हिसाब से परिभाषित कर लिया है और इसका इस्तेमाल समाज को विभाजित करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी को भी स्वतंत्रता के नाम पर दूसरे के सम्मान को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है।
सीएम योगी ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि कोई किसी पर व्यक्तिगत हमला करे। दुर्भाग्य से कुछ लोग देश की एकता को कमजोर करने के लिए इस अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं।” उनका मानना है कि समाज को तोड़ने या किसी व्यक्ति विशेष पर अभद्र टिप्पणी करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।
‘क्रिया की प्रतिक्रिया होती है’, कुणाल कामरा की टिप्पणी पर सामने आया एकनाथ शिंदे का पहला रिएक्शन
इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा, “डीके शिवकुमार जो भी कह रहे हैं, वह कांग्रेस की विरासत का हिस्सा है।” उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि “कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने जॉर्ज सोरोस के पैसे से लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की।”
मुंबई की खार पुलिस ने भेजा समन
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई टिप्पणी को लेकर कुणाल कामरा के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। मुंबई की खार पुलिस ने उन्हें समन जारी किया है। चूंकि कामरा फिलहाल महाराष्ट्र से बाहर हैं, इसलिए समन उन्हें व्हाट्सएप पर भी भेजा गया है। इसके अलावा, पुलिस टीम ने उनके घर जाकर उनके माता-पिता को भी समन की प्रति सौंपी। उन्हें मंगलवार सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने भी इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कॉमेडी के नाम पर किसी का अपमान करना सही नहीं है। किसी व्यक्ति की इज्जत ही उसका सब कुछ होती है, और इसे ठेस पहुंचाना समाज के लिए खतरनाक संकेत है।”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कुणाल कामरा के बयान पर विवाद अब संसद तक पहुंच गया है। शिवसेना सांसद धैर्यशील संभाजीराव माने ने कंटेंट के लिए कड़े नियम बनाने और नफरत फैलाने वाले प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।