भारतीय जनता पार्टी उत्तरप्रदेश में साल 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरी रणनीति के तहत काम कर रही है। राज्य मेंभाजपा के पांच नेता अपने-अपने तरीके से पार्टी की जीत के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। इन पांच बड़े नेताओं में शामिल हैं कैराना से सांसद हुकुम सिंह, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा, आगरा के सांसद प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया, मुजफ्फरनगर सांसद संजीव बालियान और सरधना से विधायक संगीत सोम। इन पांच नेताओं में से केवल महेश शर्मा यूपी के रहने वाले नहीं हैं, लेकिन वे गौतमबुद्ध नगर से भाजपा के सांसद हैं। इन सभी नेताओं की पश्चिमी यूपी पर अच्छी पकड़ है। ये नेता अलग-अलग मुद्दों के आधार पर पार्टी की जीत के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं।
भाजपा की नजर यूपी चुनाव पर लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद से ही थी। लोकसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा इस तरह की रणनीति पर काम कर रही थी कि उसे इसका फायदा राज्य के विधानसभा चुनाव में मिले। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद यूपी के कई नेताओं को सरकार में अहम पद दिए गए। साथ ही वहां के नेताओं को पार्टी की जीत के लिए जमीन तैयार करने को कहा गया।
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ये हैं वो पांच नेता
हुकुम सिंह- हुकुम सिंह हालही में कैराना से हिंदुओं के कथित पलायन का मुद्दा उठाए जाने की वजह से चर्चा में आए थे। सिंह पश्चिमी यूपी में गुर्जर जाति बहुल क्षेत्रों पर अच्छी पकड़ रखते हैं। इसके साथ ही इनकी पार्टी संगठन में भी अच्छी पकड़ है। सिंह अपने क्षेत्र में वोटों के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर भी काम कर रहे हैं। कैराना मामले पर सामने आई सहारनपुर के डीआईजी की रिपोर्ट में यह बात कही गई थी कि सिंह अपनी बेटी को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। इसलिए ये सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर काम कर रहे हैं। भाजपा से पहले ये कांग्रेस और सपा के साथ भी रह चुके हैं। राजनीति में आने से पहले सिंह भारतीय सेना में कैप्टन रह चुके हैं और भारत-चीन का युद्ध भी लड़ा था।
डॉ. महेश शर्मा- राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले हैं। गौतमबुद्ध नगर से भाजपा सांसद हैं। पार्टी, संघ और सरकार में अच्छी पकड़ रखते हैं। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी भी माना जाता है। शर्मा पश्चिमी यूपी में पार्टी की जीत के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं।
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प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया- दलित नेता के तौर पर पहचान रखने वाले प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया आगरा से सांसद हैं। दलित समुदाय में अच्छी पकड़ रखने वाले कठेरिया पार्टी के लिए दलित वोटों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए हैं। पश्चिमी यूपी की कोली जाति पर प्रभाव रखने वाले बसपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।
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संजीव बालियान- जाट बहुल क्षेत्र में मजबूत छवि रखने वाले संजीव बालियान मुजफ्फरनगर से भाजपा सांसद हैं। मुजफ्फरनगर दंगों के बाद भी संजीव ने बसपा के उम्मीदवार कादिर राणा को चार लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था। इनकी मुजफ्फरनगर और पास के क्षेत्रों में जमीनी पकड़ है। केंद्र में कृषि मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे संजीव बीएसपी के दलित वोट बैंक में भी सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
संगीत सोम – यूपी के सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम मुजफ्फनगर दंगों की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए थे। सोम अपने क्षेत्र के साथ ही पास के क्षेत्रों में वोटों के सांप्रदायिक धुव्रीकरण पर काम कर रहे हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत में भी सोम का अहम रोल रहा है। सोम विवादित बयान देकर भी सुर्खियों में रहते हैं। भाजपा से पहले ये सपा और बसपा के साथ भी रह चुके हैं। हालांकि, इनकी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में अच्छी पकड़ नहीं है, लेकिन पार्टी की राज्य ईकाई में अच्छी पकड़ है।