सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर को मिली जमानत पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीड़िता की मां ने खुशी जताई है। उन्होंने अपने पति के हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग की।
पीड़िता की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बहुत खुश हैं। केवल दो जजों ने मेरे साथ गलत किया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने मेरे साथ बहुत अच्छा किया। एक अपना पति खोए बैठी है, उसके बच्चों को न्याय मिलना चाहिए।”
उन्नाव मामले में पीड़िता और न्याय की जीत हुई- कांग्रेस
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उन्नाव बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश पीड़िता, उसके परिवार और न्याय की जीत है। पार्टी की महिला इकाई की अध्यक्ष अलका लांबा ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में मोदी सरकार बेनकाब हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि बेटियों के अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर हो, अंकिता भंडारी के दोषी हों या बिलकिस बानो के दोषी, नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार हर मामले में बेनकाब हुई है। अलका ने कहा, “हमारी वकील पूरी तरह से पीड़िता के साथ खड़ी रही, हमने यह लड़ाई कानूनी तौर पर लड़ने के साथ ही सड़कों पर भी संघर्ष किया। हम मांग करते हैं कि बेटियों के अपराधियों को रिहा करने और पैरोल पर छोड़ने का तमाशा बंद होना चाहिए, इन्हें सीधे फांसी की सजा मिलनी चाहिए।”
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें 2017 के उन्नाव बलात्कार मामले में कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित कर दिया गया था। सीजेआई सूर्यकांत, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी तथा जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन बेंच ने कुलदीप सिंह सेंगर को नोटिस जारी कर सीबीआई की उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।
सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया। बेंच ने कहा कि वह इस मामले पर गौर करेगी। उसने कहा कि हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के आदेश पर सेंगर को हिरासत से रिहा नहीं किया जाएगा। बेंच ने कहा कि इस मामले में कानून के कई अहम प्रश्न विचारणीय हैं और मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद के लिए स्थगित कर दी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को यह कहते हुए निलंबित कर दिया था कि वह पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में बिता चुके हैं। हाई कोर्ट ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली अपील लंबित रहने तक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित कर दिया था। कुलदीप सिंह सेंगर ने इस मामले में दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है।
जेल में ही रहेगा कुलदीप सिंह सेंगर
बहरहाल कुलदीप सिंह सेंगर जेल में ही रहेगा क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की सजा काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है। बलात्कार का मामला और इससे जुड़े अन्य मामले अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की निचली अदालत से दिल्ली ट्रांसफर किए गए थे। (भाषा / ANI)
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