केन्द्र सरकार ने अनलॉक 4.0 की गाइडलाइंस के तहत राज्य सरकारों को 21 सितंबर से कंटेनमेंट जोन्स के बाहर कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के लिए स्कूल-कॉलेज खोलने की अनुमति दे दी थी। इसके लिए सरकार ने बच्चों के माता-पिता की तरफ से सहमति होने की अनिवार्य शर्त रखी थी। हालांकि अभी कई राज्य सोमवार से स्कूल कॉलेज खोलने को लेकर असमंजस में दिखाई दे रहे हैं।
बता दें कि केन्द्र शासित चंडीगढ़ में सोमवार से कई सरकारी स्कूल खुल रहे हैं। इस दौरान स्कूल आने वाले बच्चों से सहमति पत्र लिया गया है। स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए नियम बनाए गए हैं। हालांकि कई स्कूल टीचर्स का मानना है कि माहमारी को देखते हुए और जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में अभी स्कूल खोलने का निर्णय सही नहीं है। टीचर्स का मानना है कि बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क आदि के नियमों का पालन कराना कठिन होगा।
वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो यूपी सरकार ने सोमवार से स्कूल कॉलेज नहीं खोलने का फैसला किया है। प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने पहले ही 21 सितंबर से राज्य में स्कूल खोले जाने की संभावना को खारिज कर दिया था।
वहीं असम में सरकार सोमवार से स्कूल कॉलेज खोलने जा रही हैं। हालांकि परिजनों की सहमति मिलने के बाद ही छात्र-छात्राएं स्कूल आ सकेंगे। सरकार ने इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) तैयार की है, जिसकी मदद से छात्रों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसी बातों का पालन कराया जाएगा।
बिहार में भी कंटेनमेंट जोन्स के बाहर 9-12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल कॉलेज खोलने का फैसला किया है। वहीं दिल्ली में अभी स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे और छात्रों की सुरक्षा के लिहाज से सरकार कोई खतरा नहीं लेना चाहती।
कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में 21 सितंबर से कुछ स्कूल खोले जाएंगे। हालांकि यहां नियमित कक्षाएं नहीं चलेंगी और छात्र गाइडेंस के लिए टीचर्स से मदद ले सकेंगे। हिमाचल में 50फीसदी छात्रों को स्कूल बुलाया गया है। वहीं मेघालय में भी कुछ स्कूल कॉलेज 21 सितंबर से खुल जाएंगे। मेघालय में भी अभी छात्रों की 50 प्रतिशत उपस्थिति रहेगी और नियमित कक्षाएं नहीं होंगी।