भारत सरकार का रेल मंत्रालय देश में रेलवे की व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय में शुरू हुई डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट का काम अपने महत्वपूर्ण चरण में पहुंच चुका है। केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके मौजूदा स्टेटस के बारे में बताया कि छोटा सा हिस्सा छोड़कर पूरा नेटवर्क तैयार हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे रेलवे को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में रेलों के संचालन में काफी मदद मिलेगी।

अश्विनी वैष्णव ने कहा, “2007 में परियोजना को मिली थी मंंजूरी”

इंडियन एक्सप्रेस के आयडिया कार्यक्रम में जब उनसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट के स्टेटस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि रेलवे की क्षमता को काफी बढ़ाने की जरूरत है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विचार प्रक्रिया राजमार्गों के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज और रेलवे के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज की थी। 2005 में इस पर पहला पेपर प्रकाशित होना शुरू हुआ। 2007 में, परियोजना को मंजूरी दी गई थी। 2014 से पहले जीरो किमी. डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पूरा किया गया था। एक छोटे से हिस्से को छोड़कर जिसमें डिज़ाइन संबंधी खामियां थीं, अब व्यावहारिक रूप से पूरा नेटवर्क तैयार हो गया है। इसलिए हमने डिज़ाइन को संशोधित किया है।”

एक दिन में 400 ट्रेनों को ले जाने के लिए प्रणाली डिजाइन की गई है

रेल मंत्री ने कहा, “इस प्रणाली को एक दिन में लगभग 400 ट्रेनों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पहले से ही 300 से अधिक ट्रेनें ले रहा है। इससे हमें स्वर्णिम चतुर्भुज के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में भीड़ कम करने में मदद मिली है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, अधिक क्षमता पैदा की जाएगी, खासकर उन हिस्सों में जो अत्यधिक भीड़भाड़ वाले हैं।”

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए हर साल करोड़ों करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (14 जनवरी) को भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर चल रहे पुनर्विकास कार्य का निरीक्षण किया, जिसमें देश भर के रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय सुविधाओं में बदलने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को दिखाया गया है। रेल मंत्री ने भुवनेश्वर में पुनर्विकास परियोजना में हुई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला, जिसमें तीसरी-चौथी मंजिल तक निर्माण पूरा हो गया है, और देश भर में रेलवे स्टेशनों पर देखी गई समान प्रगति की सराहना की।