मोदी सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि 3.60 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली निर्माणाधीन 574 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में देरी हुई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्ष में आवंटित इन 574 विलंबित परियोजनाओं में से 300 में एक साल से कम की देरी हुई है।

परियोजनाओं में क्यों हुई देरी?

नितिन गडकरी ने बताया कि 253 परियोजनाओं में एक से तीन साल और 21 परियोजनाओं में तीन साल से अधिक की देरी हुई है। नितिन गडकरी ने बताया कि लगभग एक लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 133 राजमार्ग परियोजनाओं को आवंटित तो कर दिया गया है, लेकिन भूमि अधिग्रहण और वन एवं वन्यजीव विभाग से मंजूरी जैसे पूर्व-आवश्यक शर्तों के पूरा नहीं होने के कारण काम शुरू होने की तारीख की घोषणा नहीं की जा सकी है।

नितिन गडकरी ने बताया कि मंत्रालय ने राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर बाधाओं को दूर करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सरल बनाने की खातिर कदम उठाए हैं। उन्होंने एक अन्य सवाल के उत्तर में कहा कि चालू वित्त वर्ष (अक्टूबर 2025 तक) में 3,468 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि 2025-26 के लिए 10,000 किमी निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

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कितना है रोड निर्माण का लक्ष्य?

वित्तवर्ष 2024-25 के दौरान 10,420 किमी के लक्ष्य के मुकाबले 10,660 किमी का निर्माण किया गया था। नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों के विश्लेषण से सुधार के संकेत मिले हैं। उन्होंने कहा कि 2018 में प्रति 10,000 वाहन पर सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर 5.8 थी जो घटकर 2022 में 4.3 हो गई।