‘संपदा से हमारी सड़कें नहीं बनतीं, लेकिन हमारी सड़कों से संपदा जरूर आती है।’ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी के इस कथन को याद करते हुए केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाली 45 सड़क परियोजनाओं (26 राजमार्ग परियोजनाओं और 19 अन्य परियोजनाओं) का शिलान्यास-लोकार्पण किया।

इसमें से सबसे महत्त्वाकांक्षी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि इसे 2023 तक तैयार कर लेने का लक्ष्य है। जिन परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया गया, वे मध्य प्रदेश केंद्रित हैं। इस परियोजनाओं की कुल लागत 11,427 करोड़ रुपए है। मध्य प्रदेश की 45 परियोजनाओं में से 26 पूरी हो चुकी हैं और 19 के लिए मंगलवार को शिलान्यास किया गया।

गडकरी ने कहा कि आठ लेन एक्सप्रेस-वे निर्माण के बाद दिल्ली और मुंबई की दूरी को 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इसमें से 244 किलोमीटर का हिस्सा मध्य प्रदेश से गुजरेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक और ‘लॉजिस्टिक हब’ विकसित करने की योजनाएं तैयार करने के लिए कहा।

इस मौके पर गडकरी ने कहा कि इन सड़क परियोजनाओं से न सिर्फ मध्य प्रदेश, बल्कि देश के उन सभी इलाकों में लोगों की जिंदगी बदल जाएगी, जिन इलाकों से सड़कें गुजरेंगी। यातायात के बेहतर साधन उपलब्ध होंगे। ईंधन में बचत होगी। इलाकों में रोजगार बढ़ेगा। उन्होंने राजमार्गों से पास औद्योगिक हब विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया।

केंद्रीय मंत्री ने 8,000 करोड़ रुपए की लागत वाले 358 किलोमीटर लंबे चंबल एक्सप्रेसवे की मंजूरी की भी घोषणा की। यह कोटा-श्योपुर-इटावा के जरिए मध्य प्रदेश को उत्तर प्रदेश और राजस्थान से जोड़ेगा। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, प्रह्लाद पटेल और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के राज्य मंत्री वीके सिंह सहित अन्य शामिल हुए।

इस मौके पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण से समय और ईंधन की बचत होगी। चौहान ने बाइपास सड़कों के निर्माण और कस्बों से गुजरने वाले राजमार्गों के उन्नयन के लिए 182 करोड़ से अधिक धनराशि की योजना की स्वीकृति की मांग की।

मुख्यमंत्री ने गडकरी से अमकंटक से गुजरात की सीमाओं को जोड़ने वाले नर्मदा एक्सप्रेसवे परियोजना को भी स्वीकृत करने का आग्रह किया। चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी के किनारे प्रस्तावित इस एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक कलस्टर भी विकसित किए जाएंगे। चौहान ने प्रदेश में प्रस्तावित राम वन गमन पथ के विकास के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से सहायता और मार्गदर्शन भी मांगा।