अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा सांसद ने अपने ताजा बयान में ऐसा कुछ कह दिया है जिस पर हंगामा हो सकता है। दरअसल गिरिराज सिंह ने नए साल को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा है कि शौचालय का लोटा पानी पीने के काम नहीं आता।
नए साल की शुरुआत के साथ सोशल मीडिया पर भी कंट्रोवर्सी शुरू हो गयी है। चर्चित आईपीएस अरुण बोथरा ने अपने ट्विटर अकाउंट से लिखा कि अपने धर्म के कैलेंडर का सम्मान जरूरी है। पर जिस को रोजाना इस्तेमाल करते हैं उससे भी क्या नाराज़गी। धर्मों के कैलेंडर होते है। कैलेंडरों का धर्म नहीं होता। जिसपर केंद्रीय मंत्री ने जवाब देते हुए लिखा कि मुण्डन,जनेऊ,घरवास,विवाह ,तर्पण और खेती रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले कैलेंडर से नहीं होती, उसका इस्तेमाल तनखा और पेंशन तक ही सीमित है। शौचालय का लोटा पानी पीने के काम नहीं आता।
मुण्डन,जनेऊ,घरवास,विवाह ,तर्पण और खेती रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले कैलेंडर से नहीं होती,
उसका इस्तेमाल तनखा और पेंशन तक ही सीमित है।शौचालय का लोटा पानी पीने के काम नहीं आता। https://t.co/BJvErkBPSv
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) January 1, 2021
हालाँकि अरुण बोथरा ने भी गिरिराज सिंह के ट्वीट का जवाब बेहद अनोखे अंदाज़ में दिया। उन्होंने लिखा कि सर अगर कोई और होता तो बिना लोटे के अंदर ना जाने की सलाह देता पर आपके सामने आत्मसमर्पण करने में ही भलाई है. भूल-चूक की माफी। दरअसल न्यू ईयर के दिन कई लोग सोशल मीडिया पर यह लिख रहे थे कि यह तो ईसाईयों का नया साल है जबकि हिंदुओं का नया साल तो मार्च – अप्रैल के महीने में आता है।
जिसके बाद अरुण बोथरा ने ट्वीट किया “ एक सज्जन ने लिखा है कि आज अँग्रेजी नया साल है, बधाई की कोई बात नहीं है। मैंने पूछा कि विक्रम संवत में आज क्या तिथि है. काफी देर हो गई है। अभी तक उनका जवाब नहीं आया. अंग्रेजों के गूगल में देख रहे हैं शायद”। इसके बाद अरुण बोथरा ने एक और ट्वीट किया जिसके रिप्लाई में गिरिराज सिंह ने आपत्तिजनक बयान दे दिया।
वैसे गिरिराज सिंह पहले भी कई बार इस तरह के बयान दे चुके हैं। पिछले साल उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि साल 1947 में ही सभी मुस्लिमों को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था। यह हमारे पूर्वजों की बड़ी चुक थी जिसकी कीमत हम अभी चुका रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने एक बार देवबंद के मदरसे को आतंकवाद की गंगोत्री भी कह दिया था।

