Chirag Paswan Express Adda: मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग जैसे अहम मंत्रालय संभाल रहे चिराग पासवान बिहार से आने वाले युवा चेहरों में से एक हैं। 42 साल के चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान देश के बड़े दलित नेताओं में से थे। चिराग पासवान ने अपने पिता की मौत के बाद पार्टी में बगावत को देखा और इस झटके से उबरते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार प्रदर्शन किया।
The Indian Express के Express Adda कार्यक्रम में बातचीत में चिराग ने बिहार विधानसभा चुनाव, जाति की राजनीति सहित तमाम मुद्दों पर अपनी बात को खुलकर सामने रखा। चिराग लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह इस बात के लिए अड़ गए थे कि हमें एनडीए के साथ जाना चाहिए क्योंकि इसका नेतृत्व नरेंद्र मोदी कर रहे थे। पासवान ने बताया कि उन्होंने अपने पिता से ही सीखा कि लोग कैसे काम करते हैं। चिराग ने कहा, “मेरे पिता ने 6 प्रधानमंत्रियों- वीपी सिंह, देवेगौड़ा, आईके गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के साथ काम किया।”
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विपक्षी दलों में भी हैं अच्छे दोस्त
चिराग कहते हैं कि वह अपने पिता से सवाल पूछते थे कि जब इंदिरा गांधी पीएम थीं तो वह कहां बैठती थीं, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम करना कितना अलग था। चिराग ने बताया, “मेरे पिता कहते थे कि मोदी का मतलब काम है, आपको काम करना होगा और आप अपने विभाग को हल्के में नहीं ले सकते। आज की सरकार में मंत्री जवाबदेह हैं और प्रधानमंत्री नियमित रूप से चीजों की समीक्षा करते हैं।” चिराग पासवान ने कहा कि विपक्षी दलों में भी उनके बहुत अच्छे दोस्त हैं और वह अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
चिराग बोले- मजबूत बने रहना जरूरी
इस सवाल के जवाब में कि केंद्र में बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाली कई क्षेत्रीय पार्टियों का असर कम होता जा रहा है, ऐसी लिस्ट में शिवसेना, अकाली दल, टीडीपी का नाम है और क्या चिराग को इससे कोई चिंता होती है, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मेरा मानना है कि अगर आप मजबूत बने रहेंगे तो कोई भी आपको आसानी से नहीं हरा सकता। इसके लिए आपको अपने राज्य में अपनी पहचान बनाने और लोगों से जुड़ने की जरूरत है। कोई भी गठबंधन आपको तभी साथ रखेगा जब आपके पास जनाधार होगा जिस दिन मैं बिहार से अपने जुड़ाव को खो दूंगा, उस दिन मेरा अंत हो जाएगा।”
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‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ की बात
चिराग पासवान ने कहा कि वह जब प्रधानमंत्री से बात करना चाहते हैं तो वह कर सकते हैं, किसी और मुद्दे पर भी वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री से बात कर सकते हैं और वे लोग उनकी बातें सुनते हैं। चिराग कहते हैं कि अगर उनके भीतर योग्यता नहीं होती तो वह आज अकेले होते लेकिन आज उनके पास पांच सांसद हैं। उन्होंने कहा कि अगर आपके अंदर क्षमता और योग्यता है तो आप अपनी पार्टी को आगे ले जा पाएंगे। चिराग पासवान ने इस दौरान ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ की सोच को भी सामने रखा और कहा कि वह जानते हैं कि बिहार की क्या समस्याएं हैं।
बिहार में जीत दर्ज करेगा एनडीए
एक सवाल के जवाब में चिराग ने कहा कि बिहार के चुनाव में जाति एक बहुत बड़ा समीकरण है हालांकि यह गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन एकजुट रहेगा और बड़ी जीत दर्ज करेगा।
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MY समीकरण पर कर रहे काम
चिराग ने कहा कि वह भी MY समीकरण पर काम कर रहे हैं लेकिन यहां M का मतलब महिला और Y का मतलब युवा है। उन्होंने कहा, “हमने लोकसभा में इसे लागू किया, मेरी पार्टी ने सिर्फ 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से दो महिलाएं थी। मैं 14 करोड़ बिहारियों की बात करता हूं, जब बिहारी आगे हैं तो बिहार इतना पीछे क्यों है, ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में आप बिहारी नहीं होते आपको ऊंची जाति, पिछड़ा, दलित, मुस्लिम के रूप में जाना जाता है।”
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार एक समस्या है। उन्होंने वक्फ कानून को लेकर भी बात की और कहा कि विपक्ष ने इस मामले में गलत प्रचार किया। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और आर्टिकल 370 के मामले में भी ऐसा किया गया। चिराग ने कहा कि वह अल्पसंख्यकों का समर्थन करते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं खुद भी आधा अल्पसंख्यक हूं। मेरी मां पंजाबी हैं, सरदारनी हैं। मैं अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ता हूं। अगर मुझे पता चलेगा कि मुसलमानों के साथ कुछ अन्याय हो रहा है, तो मैं सबसे पहले खड़ा हो जाऊंगा। मैं अपनी सरकार के सामने खड़ा हो सकता हूं और जब चीजें गलत होंगी तो मैं कुछ कह सकता हूं। मैं गठबंधन में हूं लेकिन मैं भाजपा नहीं हूं। इसलिए मैं सहयोगी हूं, क्योंकि मेरी विचारधारा अलग है।”
चिराग ने कहा कि मोदी सरकार ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास’ की बात करती है।
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