केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कश्मीर के अलगाववादियों को लेकर कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है। मंत्रालय की तरफ से कश्मीरी अलगावादियों के उन परिवार वालों की सूची बनाई जा रही है जो विदेशों में रह रहे हैं। एनडीटीवी की खबर के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अलगावादियों के परिवार को 200 ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार की है जो विदेशों में या तो पढ़ाई कर रहे है या वहां काम कर रहे हैं।

घाटी में पिछले 3 साल के दौरान लगातार बंद और विरोध प्रदर्शन के दौरान 240 से अधिक दिन स्कूल कॉलेज बंद रहे हैं। इससे घाटी में रह रहे बच्चों को पढ़ाई का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं इस तरह के बंद का समर्थन करने वाली अलगाववादियों के परिवार के बच्चे व अन्य सदस्य विदेशों में पढ़ाई करने के साथ ही काम कर रहे हैं। दुखतरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी के दो बेटे मलेशिया में पढ़ रहे हैं।

वहीं तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन मोहम्मद अशरफ सेहरई को दो बेटे भी विदेश में पढ़ाई करने के बाद अब सऊदी अरब में नौकरी कर रहे हैं। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी का एक नाती पाकिस्तान में काम कर रहा हैं। वहीं एक नातिन तुर्की में पत्रकार है।

श्रीनगर के एक वरिष्ठ पत्रकार अहमद अली फैयाज ने कहा,’समस्या यह है कि एक बार जब वह लोग ऐसा (बंद का समर्थन) करते हैं, तो क्या वह अन्य लोगों के बारे में सोचते हैं जिनका वे प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं। वे लोग अक्सर कश्मीर घाटी में बंद का आह्वान करते हैं लेकिन जो आंकड़े हमारे पास है, ऐसे में इन लोगों का बंद का आह्वान करने का अधिकार जब्त कर लेना चाहिए।’

हालांकि, इस बारे में आईएएस से राजनीति में आए शाह फैसल अलग राय रखते हैं। उनका कहना है कि हर किसी को यह अधिकारी है कि वह अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कहीं भी, विदेश भी भेज सकता है। उन्होंने कहा, ‘हर किसी को पढ़ाई के लिए अपने बच्चों को विदेश भेजने का अधिकार है। यदि किसी अन्य नेताओं को अपने बच्चों को विदेश पढ़ने भेजने का अधिकार है तो मैं सोचता हूं कि हुर्रियत नेताओं को भी यह अधिकार है।’