कश्मीर में जारी हिंसा के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह घाटी में आज एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में 20 दलों के 30 नेता शामिल हैं। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की शनिवार को अशांत घाटी की स्थिति और समाज के सभी पक्षों के साथ बातचीत की संभावना पर चर्चा करने के लिए बैठक हुई, जिसमें हुर्रियत से भी बात करने की मांग उठी।

कश्मीर में रविवार को होने वाली बैठक से पहले शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पार्लियामेंट हाउस काम्प्लेक्स में आयोजित एक बैठक में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों को घाटी में जारी हिंसा और राज्य सरकार के सामने आने वाली चुनौतियों के संबंध में बताया गया।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अगुवायी की। उन्होंने कहा सभी सदस्यों के कश्मीर में होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के बाद वापस दिल्ली लौटने पर सब लोग एक बार फिर साथ बैठेंगे और केंद्र सरकार सदस्यों के सुझावों पर अमल करेगी। हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार हुर्रियत को इस बातचीत में शामिल करने के मुद्दे पर पूरी तरह सहमत नहीं है।

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कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक महीने के भीतर घाटी का दो बार दौरा किया। आज एक बार फिर राजनाथ सिंह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कश्मीर में हिंसा खत्म करने और शांति बहाली के उपाय पर चर्चा करने के लिए घाटी में मौजूद होंगे।

प्रतिनिधिमंडल में असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल: गृह मंत्री के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के राजनीतिक संगठनों, श्रम संघों के नेताओं, सिविल सोसायटी के सदस्यों और अन्य लोगों से मुलकात करने की संभावना है। प्रतिनिधिमंडल में 30 सांसद और कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री राम विलास पासवान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ-साथ एमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं।

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इस प्रतिनिधी मंडल में शामिल सीपीएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की रजामंदी के बगैर कोई भी हुर्रियत नेताओं से नहीं मिल सकता। उन्होंने सरकार से इस बैठक में हुर्रियत को भी शामिल होने के लिए न्यौता भेजने की अपील की है।

अलगाववादी हुर्रियत नेताओं को भेजा निमंत्रण: दिल्ली में सर्वदलीय टीम की बैठक में हुर्रियत से बातचीत की मांग उठी तो शाम होते-होते जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने अलगाववादी हुर्रियत के नेताओं को बातचीत के लिए निमंत्रण भेज दिया। सूत्रों का कहना है कि अगर हुर्रियत नेता सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के लिए तैयार होते हैं तो उन्हें जेल से रिहा भी किया जा सकता है।