भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अब मिशन 2021 में जुट गए हैं। अमित शाह विधानसभा चुनाव वाले राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के कोर ग्रुप्स के साथ रविवार को राजधानी दिल्ली में बैठक की। बैठक में इन राज्यों के प्रमुख नेता व पदाधिकारी मौजूद थे।
वहीं लोकसभा चुनाव 2019 में पश्चिम बंगाल में मिली शानदार जीत से उत्साहित भाजपा अभी से 2021 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी 294 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम 250 सीटें पाने की जुगत में है।
संसदीय चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटें जीतने के बाद भाजपा 2021 के लिए खाका तैयार कर रही है।
इसमें तमाम रणनीतियों के अलावा तृणमूल कांग्रेस से पार्टी में आने के इच्छुक नेताओं की छंटनी भी शामिल है। आम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिली हैं। तृणमूल कांग्रेस के बांग्ला गौरव के मुद्दे के सामने भाजपा बंगालियों के हितों के मुद्दे को खड़ा करेगी। 2021 में भाजपा का मुख्य हथियार होगा रोजगार सृजन के लिए औद्योगिकीकरण। सत्तारूढ़ तृणमूल भाजपा की इस योजना पर कुछ खास कान नहीं धर रही है।
Delhi: Meeting chaired by Union Home Minister and BJP President Amit Shah at party office with core groups of Haryana, Maharashtra and Jharkhand ahead of assembly elections in these states later this year. pic.twitter.com/edNhxmUfBJ
— ANI (@ANI) June 9, 2019
उसका कहना है कि 2021 में भी तृणमूल का झंडा लहराएगा और राज्य में सत्ता में आने का भाजपा का सपना चूर-चूर हो जाएगा। आम चुनावों में पश्चिम बंगाल में भाजपा के पक्ष में 40.5 प्रतिशत मत पड़े थे और फिलहाल विधानसभा में उसके छह विधायक हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने पीटीआई..भाषा से कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के लिए हमने 23 सीटों का लक्ष्य रखा था और 18 सीटें मिलीं। अब हमारा नया लक्ष्य (विधानसभा चुनाव में) 250 सीटों का है। हम अपनी चुनावी रणनीति बनाएंगे और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करेंगे।’’ पिछले पांच साल में भाजपा राज्य में महत्वपूर्ण राजनीतिक खिलाड़ी बनकर उभरी है।
एक वक्त जिस राज्य में वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस के अलावा किसी का नाम सुनाई नहीं देता था, आज भाजपा उस गढ़ में पैठ बनाने में कामयाब रही है। 2014 में 34 लोकसभा सीटें जीतने वाली तृणमूल कांग्रेस इस आम चुनाव में 22 सीटें ही जीत पाई। कांग्रेस चार सीटों से घट कर दो पर आ गई और माकपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई।