भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से हिंदी पर जोर और इसे प्रोत्साहित करने की बात का असर मोदी सरकार के मंत्रियों पर भी दिख रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री की नसीहत के बाद केंद्र सरकार में राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने हिंदी का ट्यूटर रख लिया है। जी. किशन रेड्डी को केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका मिली हुई है।

ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि उनकी तरफ से कुछ भी ऐसा हो जिससे उनकी छवि खराब हो। केंद्रीय मंत्री के लिए हिंदी ट्यूटर रोजाना तेलंगाना भवन में स्थित उनके निवास पर आता है। ट्यूटर मंत्री जी को हिंदी पढ़ने के साथ ही इस भाषा का सही उच्चारण सिखा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मंत्री जी सभी अवसरों पर हिंदी में ही बोलने का प्रयास कर रहे है। इसके अलावा वह कुछ शब्द ही अंग्रेजी के प्रयोग कर रहे हैं।

मालूम हो कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर कहा था कि भारत की अनेक भाषाएं और बोलियां हमारी सबसे बड़ी ताकत है। लेकिन देश की एक भाषा ऐसी हो, जिससे विदेशी भाषाएँ हमारे देश पर हावी ना हों। इसलिए हमारे संविधान निर्माताओं ने एकमत से हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि हमारे देश की सभी भाषाओं की व्यापकता और समृद्धता विश्व की किसी भी भाषा से बहुत अधिक है।

उन्होंने 14 सितंबर को अपने ट्वीट कहा, ‘मैं देशवासियों से आह्वान करता हूं कि आप अपने बच्चों से, अपने सहकर्मियों से अपनी भाषा में बात कीजिए क्योंकि अगर हम ही अपनी भाषाओं को छोड़ देंगे तो उन्हें लंबे समय तक जीवित कैसे रखा जायेगा।’ भाजपा अध्यक्ष के ट्वीट के बाद देश के दक्षिण भारत के कई नेताओं ने शाह की बात का विरोध किया। वे लोग स्थानीय भाषा के स्थान पर हिंदी भाषा को खुद पर थोपे जाने का आरोप लगा रहे थे।

शाह के हिंदी को लेकर बयान पर उनकी ही पार्टी के कई नेताओं ने अलग राय रखी। वहीं, अभिनेता रजनीकांत ने कहा था कि हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए क्योंकि पूरे देश में एक ही भाषा की संकल्पना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ रूप से लागू नहीं की जा सकती।