Justice Yashwant Varma Impeachment Motion: इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ केंद्र सरकार संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। बताना होगा कि जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास से जले हुए नोटों के बोरे बरामद हुए थे। महाभियोग लाने की खबरों पर पूर्व ASG और वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी ने ANI से कहा, “यदि इस संकट को ढंग से और समझदारी से नहीं संभाला गया तो यह एक बड़ी त्रासदी बन सकता है। समस्या मूल रूप से भरोसे के साथ विश्वासघात और निष्पक्षता के वादे की है जिस पर न्यायिक प्रणाली टिकी हुई है…इससे पता चलता है कि जज का जनता के प्रति जो कर्तव्य है और जिसे निष्पक्षता का प्रतीक माना जाता है, उससे समझौता किया गया है। अगर न्यायमूर्ति वर्मा जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो सजा का डर खत्म हो जाएगा…ऐसे में महाभियोग जरूरी है।”
ठोस कार्रवाई में देरी हुई- डी. राजा
इसे लेकर CPI महासचिव डी. राजा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “उन्हें महाभियोग प्रस्ताव लाने दीजिए। न्यायपालिका को समझना चाहिए कि उसे संविधान के दायरे में काम करना है… हमारी न्यायपालिका की विश्वसनीयता बहाल करने के लिए कुछ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए… हम महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। लेकिन सवाल यह है कि यह कब लाया जाएगा? हमने न्यायाधीश के आवास से मिले धन के बारे में कई गंभीर सवाल उठाए लेकिन ठोस कार्रवाई में देरी हुई… हमारी पार्टी संसद में इस मुद्दे पर होने वाली बहस में भाग लेगी।”
क्या है यह पूरा मामला?
जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी आवास में 14 मार्च की रात को आग लगने की घटना हुई थी। उनके घर के स्टोर रूम से 500-500 रुपए के जले नोटों की नकदी से भरे बोरे मिले थे। जिसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था।
22 मार्च को इस मामले में तत्कालीन CJI संजीव खन्ना ने जांच समिति का गठन किया था। कमेटी ने 4 मई को CJI को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। कमेटी ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों को सही पाया और उन्हें दोषी ठहराया था। इसके बाद तत्कालीन CJI संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की थी।
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ होगी कार्रवाई? मोदी सरकार ला सकती है महाभियोग
सूत्रों का कहना है कि यदि जस्टिस वर्मा खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। जुलाई के दूसरे पखवाड़े में शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान संसद की अगली बैठक होगी। नकदी मिलने की घटना के बाद जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेज दिया गया था।
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