Uttarakhand Uniform Civil Code: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के लिए ड्राफ्टिंग कमेटी 2 फरवरी को अपनी रिपोर्ट जमा करा सकती है। ड्राफ्ट कमेटी के रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार इसकी रिपोर्ट विधि, वित्त और न्याय विभाग को भेजेगी। पिछले काफी समय से सरकार ड्राफ्ट का इंजतार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य होगा
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ड्राफ्ट में एक ऐसे कानून को बनाने की बात है, जो विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने से संबंधित मामलों में सभी धर्मों पर लागू हो। विधेयक का विस्तृत ध्यान व्यक्तिगत कानूनों जैसे विवाह पंजीकरण, तलाक, संपत्ति अधिकार, अंतर-राज्य संपत्ति अधिकार, रखरखाव, बच्चों की हिरासत आदि में एकरूपता पर है। हालांकि, प्रस्तावित कानून न तो विवाह के लिए किसी धार्मिक रीति-रिवाज को छूएगा और न ही अन्य अनुष्ठानों पर ध्यान केंद्रित करेगा। लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य होगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले कहा था कि जैसे ही समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, यूसीसी लागू कर दिया जाएगा। धामी ने कहा था कि जैसे ही समिति अपनी रिपोर्ट संकलित करेगी और हमें सौंपेगी, हम इसे संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ाएंगे और इसे जल्द से जल्द लागू करने का प्रयास करेंगे। न्यायमूर्ति देसाई के अलावा, समिति के अन्य सदस्यों में दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव और आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल शामिल हैं।
ड्राफ्टिंग कमेटी में कौन-कौन शामिल?
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई कमेटी में चार सदस्य शामिल किए गए। इसमें जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि), जस्टिस प्रमोद कोहली (सेनि), उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विवि की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं। समिति के सदस्य सचिव अजय मिश्रा हैं। बता दें कि कमेटी ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाकर सुझाव मांगे थे। कमेटी को 20 लाख से भी अधिक सुझाव मिले थे।