उत्तराखंड विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पास हो गया है। समान कानून बनाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य भी बन गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी ने यूसीसी को अपने संकल्प पत्र का हिस्सा बनाया था और अब विधानसभा से इसे पारित भी करवा दिया गया है। आधिकारिक तौर पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ये लागू भी हो जाएगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके को एतिहासिक बताया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज का ये दिन उत्तराखंड के लिए बहुत विशेष दिन है। आज देवभूमि की विधानसभा में ये विशेष विधेयक, जिसकी देश में लंबे समय से मांग उठती रही, उसकी शुरूआत हुई है और विधानसभा में इसे पारित किया गया है… मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनकी प्रेरणा से और उनके मार्गदर्शन में हमें ये विधेयक उत्तराखंड की विधानसभा में पारित करने का अवसर मिला।
बिल के पारित होने पर उत्तराखंड सरकार में मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि सभी ने सहयोग किया क्योंकि ये एक ऐसा विषय था जिसका विरोध करना आसान नहीं था। हालांकि भ्रांतियां फैलाने की बहुत कोशिश की गई लेकिन अंत में जब ये वास्तविकता सामने आई तो सभी ने सहयोग किया।
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड की धामी सरकार द्वारा पेश किए गए यूसीसी बिल में विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, न्यायिक प्रक्रिया से तलाक समेत कई मुद्दों को शामिल किया गया है। लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों को अब अधिकार दिए जाएंगे। पति की मौत होने के बाद पत्नी ने दोबारा शादी की, तो मुआवजे में माता-पिता का भी हक होगा। अगर किसी कारणवश पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो उसके मां-बाप की जिम्मेदारी पति पर होगी। इसके अलावा पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ, तो बच्चों की कस्टडी दादा-दादी को दिए जाने का प्रस्ताव भी इस बिल में रखा गया है।