भाजपा शासित हरियाणा में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्षी दल ने प्रदेश सरकार की यह कहते हुए आलोचना की है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लिपिकीय पदों के लिए हाल ही में हुई परीक्षा देने के लिए युवाओं को सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी। मंगलवार को इस पर सीएम सीएम खट्टर ने सफाई देते हुए कहा कि वो जिलों के पास परीक्षा केंद्र स्थापित करने और ऑनलाइन परीक्षा जांच की संभावना तलाशना की कोशिश करेंगे। बता दें कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अब एक महीने से भी कम वक्त बचा है ऐसे में विपक्ष ने भाजपा शासित सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया है। इस पर सीएम ने राय देते हुए कहा, ‘बेरोजगारी उतना बड़ा मुद्दा नहीं है जितना बना दिया गया है।’
इसी बीच विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगल-अलग मामलों परीक्षा देकर घर लौट रहे पांच युवाओं की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। साथ ही कहा कि महज 4,878 क्लर्क की पोस्ट के लिए 15 लाख युवाओं ने परीक्षा दी। हरियाणा यूनिट के आम आदमी पार्टी अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने मांग सरकार से मांग की कि मृतकों के प्रत्येक परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए। उल्लेखनीय एक सरकारी योजना के तहत युवाओं को भत्ते के लिए बनाए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए सीएम खट्टर ने कहा, ‘प्रदेश में 80,000 बेरोजगार हैं जिन्होंने ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि बेरोजगारों के लिए जो आंकड़ा है वह सिर्फ उनका मैट्रिकुलेशन है, यह बड़ा हो सकता है।
दूसरी तरफ सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनोमी (CMIE) का हवाला देते हुए स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बीस लाख के पार है। CMIE के आंकड़ों के हवाले से उन्होंने कहा, ‘दूसरे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए हरियाणा ने बेरोजगारी के मामले में महामारी का रूप धारण कर लिया है। हाल के आंकड़ों से पता चला है कि हरियाणा में बेरोजगारी का आंकड़ा दूसरे राज्यों बड़े राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड से भी ज्यादा है। उदाहरण के लिए पंजाब में बेरोजगारों की संख्या 11.24 लाख है जबकि हरियाणा में कम आबादी है और इस राज्य में बेरोजगारों की संख्या 20.20 लाख है। इनमें से 4.5 बेरोगजार या तो ग्रेजुएट हैं या फिर हायर डिग्री है।’
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला दूर-दराज के इलाकों में परीक्षाएं आयोजित कराने पर प्रदेश सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं। परीक्षा के दिनों में विपक्षी नेताओं ने अधिक भीड़ वाली तस्वीरें तक साझा कीं। इस पर सीएम खट्टर ने कहा परीक्षाएं दूसरे स्थानों पर आयोजित की गईं थीं ना की आवेदकों के घरेलू जिलों में ताकि चीटिंग की संभावना को रोका जा सके।