लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) एनडीए में शामिल हो गए हैं। चिराग पासवान अभी जमुई से सांसद हैं। चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच चल रहा विवाद किसी से छुपा नहीं है। पशुपति कुमार पारस बिहार के हाजीपुर से सांसद हैं। वहीं इस सीट को लेकर चाचा भतीजे में जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
चिराग पासवान NDA में शामिल
दरअसल एनडीए में शामिल होने के बाद चिराग पासवान ने कहा था कि 2024 का लोकसभा चुनाव वह हाजीपुर से लड़ेंगे। उन्होंने कहा था कि उनका यह सपना है कि वह हाजीपुर के लोगों की सेवा करें और काफी छोटी उम्र से वह यहां पर आते रहे हैं। वहीं अब चिराग पासवान की मांग को लेकर उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने बड़ा बयान दिया है।
हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर पशुपति कुमार पारस ने बड़ा दावा करते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि मैं यहां से खुद चुनाव लड़ूंगा और यह मेरा अधिकार है। पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मैं अभी हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हूं और भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री हूं। उन्होंने यह भी दावा किया कि मैं केंद्रीय मंत्री होने के साथ-साथ एनडीए का सबसे पुराना और विश्वसनीय सहयोगी भी हूं।
हाजीपुर सीट का जातीय समीकरण
हाजीपुर लोकसभा सीट रामविलास पासवान का गढ़ मानी जाती है। उन्होंने कुल 10 बार इस सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और 8 बार उन्होंने जीत दर्ज की। 2 बार उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। हाजीपुर लोकसभा सीट पर अति पिछड़ों की संख्या काफी अधिक है और इनका ही दबदबा माना जाता है। इस क्षेत्र में यादव, राजपूत, भूमिहार, कुशवाहा, पासवान और रविदास की संख्या अधिक है।
2009 में रामविलास पासवान को जदयू के उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2014 चुनाव में रामविलास पासवान एनडीए में शामिल हो गए। उसके बाद उन्होंने आठवीं बार जीत दर्ज की थी। 2019 का चुनाव रामविलास पासवान ने नहीं लड़ा था और वो राज्यसभा के जरिए संसद में पहुंचे थे।