गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में जहां एक तरफ भारतीय खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन से देश में खुशी का माहौल है, वहीं इसी बीच दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। दरअसल यूके बेस्ड सैटेलाइट और ब्रॉडकास्ट फर्म स्पोर्ट्स इन्फोर्मेशन सर्विसेज (एसआईएस) का कहना है कि उसका भारत सरकार पर अभी तक 250 करोड़ रुपए बकाया है। बता दें कि कंपनी ने दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स को कवर किया था और अपने विभिन्न माध्यमों की मदद से उसे दुनियाभर में प्रसारित किया था। कंपनी ने केन्द्रीय खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को कड़े शब्दों में दो पेज का एक पत्र लिखा है और अपने बकाया भुगतान की मांग की है।
बता दें कि साल 2002 में मैनेचेस्टर में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी एसआईएस बीबीसी के साथ ब्रॉडकास्टिंग की साझेदार कंपनी थी। केन्द्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को यह पत्र एसआईएस कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव रिचर्ड एम्स द्वारा लिखा गया है, जो कि आईबी मिनिस्टरी और प्रसार भारती को भी इसकी एक-एक कॉपी मिली है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इस पत्र में लिखा गया है कि ‘भारत सरकार ने जिस तरह से एसआईएस कंपनी को ट्रीट किया है, उससे अन्तरराष्ट्रीय खेलों को ब्रॉडकास्टिंग करने वाली कंपनियों के बीच भारत की छवि को लेकर चिंताएं उभरी है। एम्स ने लिखा है कि इस घटना से अन्तरराष्ट्रीय खेलों की दुनिया में भारत की छवि को धक्का लगा है।’ बता दें कि साल 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ खेलों को आयोजन किया गया था। उस समय केन्द्र में यूपीए की सरकार सत्ता में थी।
कड़े शब्दों में भारत सरकार की निंदा करते हुए रिचर्ड एम्स ने पत्र में लिखा है कि जब पूरी दुनिया का ध्यान गोल्ड कोस्ट में जारी कॉमनवेल्थ गेम्स पर लगा हुआ है, ऐसे में हम आपका ध्यान इस मुश्किल और शर्मनाक तथ्य की ओर दिलाना चाहते हैं कि 2010 में हुए दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के बकाया बिल का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। आज यह रकम ब्याज सहित बढ़कर 28 मिलियन पाउंड हो चुकी है। एम्स ने अपने पत्र में बताया है कि बीते 8 सालों से भारत पर दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स का बकाया शेष है। इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष और राज्यवर्धन सिंह राठौर के पूर्ववर्ती लुइस मार्टिन को भी कंपनी द्वारा बकाया की रकम के लिए एक पत्र जारी किया गया था, लेकिन अभी तक रकम का भुगतान नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि साल 2009 में बीएस लाली के नेतृत्व में भारत की राष्ट्रीय ब्रॉडकास्टिंग कंपनी प्रसार भारती ने दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रसारण के लिए एसआईएस के साथ करार किया था। खेलों के प्रसारण में हुई धांधली के खुलासे के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। यही वजह है कि यूके की ब्रॉडकास्टिंग फर्म एसआईएस का भुगतान लटक गया। वहीं एसआईएस फर्म की चिट्ठी पर प्रसार भारती या फिर खेल मंत्रालय ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।