आधार कार्ड को सुरक्षित रखने के लिए अगर आप उसको लैमिनेट या प्लास्टिक कार्ड परिवर्तित कराते हैं तो सावधान हो जाएं। इससे आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने इसको लेकर आमलोगों के लिए चेतावनी जारी की है। यूआईडीएआई ने बताया कि ऐसा करने से क्यूआर कोड (QR) क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अलावा संबंधित व्यक्ति की जानकारी के बिना उसकी निजी सूचनाएं भी दूसरे लोगों के हाथों में पहुंच सकती है। यूआईडीएआई ने हालांकि स्पष्ट किया कि आधार लेटर, साधारण कागज पर किया गया डाउनलोड या एम-आधार पूरी तरह से वैध हैं। मालूम हो कि आधार कार्ड को सुरक्षित रखने के लिए आमतौर पर लोग उसका लैमिनेशन करा देते हैं या फिर उसे प्लास्टिक कार्ड में बदलवा लेते हैं। आधार कार्ड को प्लास्टिक कार्ड में बदलने पर 50 से 300 रुपये तक का खर्चा आता है। आधार का ब्यौरा लीक होने की शिकायत पर यूआईडीएआई ने लोगों को जागरूक करने के साथ ही सुरक्षा चक्र को और मजबूत करने में जुटा है। यह बयान भी उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
यूआईडीएआई ने बयान जारी कर कहा, ‘क्विक रिस्पांस कोड या QR कोड के काम न करने पर प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड कई बार इस्तेमाल के लायक नहीं रहता है। उसे गलत तरीके से प्रिंट करने के कारण यह समस्या सामने आती है। इसके अलावा संवेदनशील सूचनाएं भी गलत लोगों के हाथों में जाने का खतरा रहता है।’ यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने आधार स्मार्ट कार्ड को गैरजरूरी करार दिया है। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड को स्मार्ट कार्ड में बदलने की बात कभी सोची भी नहीं गई। उन्होंने लोगों के साथ ही अनाधिकृत तरीके से आधार का ब्यौरा हासिल करने वालों को भी सावधान किया है। यूआईडीएआई के प्रमुख ने बताया कि गलत तरीके से आधार कार्ड को प्रिंट करना क्रिमिनल ऑफेंस है। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारें सरकारी सुविधाओं के साथ ही अन्य क्षेत्रों में आधार कार्ड की अनिवार्यता का दायरा लगातार बढ़ा रही है। ऐसे में आधार कार्ड के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
Plastic/PVC #Aadhaar Smart Card is not usable. Aadhaar letter/its cutaway portion/downloaded versions on ordinary paper/mAadhaar are valid & people shouldn't yearn for so-called Aadhaar smart card as it may make them fall to ploys of unscrupulous elements: UIDAI pic.twitter.com/ZVMrvhqaKB
— ANI (@ANI) February 6, 2018
आधार का ब्यौरा बिकने की बात आ चुकी है सामने: मीडिया रिपोर्ट में महज 500 रुपये में देश के करोड़ों लोगों का आधार नंबर हासिल करने का दावा किया गया था। इसमें कहा गया था कि इस गिरोह को चलाने वाले एक एजेंट से संपर्क कर पेटीएम के जरिये उसे 500 रुपये का भुगतान करने के दस मिनट के बाद एक शख्स ने एक लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया था। इसके जरिये पोर्टल पर किसी भी आधार नंबर की पूरी जानकारी ली जा सकती थी। इनमें नाम, पता, पोस्टल कोड, फोटो, फोन नंबर और ई-मेल शामिल हैं। यही नहीं जब उस एजेंट को 300 रुपये और दिए गए तो उसने ऐसा सॉफ्टवेयर दिया, जिसके जरिये किसी भी व्यक्ति के आधार को प्रिंट भी किया जा सकता था। हालांकि, यूआईडीएआई ने इसका खंडन करते हुए केस दर्ज कराया था।