प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का उद्घाटन किया। यह घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली 272 किलोमीटर लंबी मेगा परियोजना है। प्रधानमंत्री ने आज जम्‍मू-कश्‍मीर में बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब पुल को भी देश को समर्पित किया।

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक की बात करें तो इस रास्ते में कई ऐसी सुरंगें हैं जो इस रेल लिंक को इंजीनियरिंग का एक अनोखा नमूना बनाती हैं। 272 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग में से लगभग 119 किलोमीटर की यात्रा 36 सुरंगों से होकर गुजरती है, जिसमें भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग T-50 भी शामिल है। आइए जानते हैं उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर बनी टॉप सुरंगों के बारे में।

T-50: भारत की सबसे लंबी ट्रांसपोर्टेशन टनल

12.77 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी, देश की यह सबसे लंबी परिवहन सुरंग सुंबाड़-खारी सेक्शन के बीच स्थित है। इसे लेटेस्ट टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल कर बनाया गया है, जिसमें क्वार्टजाइट, गनीस और फ़िलाइट जैसी कठिन चट्टानों को काटा गया था। इसमें एक पैरेलल रेस्क्यू सुरंग है जो हर 375 मीटर पर क्रॉस-पैसेज से जुड़ी हुई है। हलती-डुलती चट्टानों, तेजी से पानी के रिसाव, और ज्वालामुखीय परतों की चट्टानों के कारण इस सुरंग को बनाना अत्यंत जोखिम भरा हो गया था।

T-80- यह बनिहाल-काजीगुंड रेलवे सुरंग पीर पंजाल रेंज में 11.2 किलोमीटर तक फैली हुई है। इसे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक या यूएसबीआरएल की रीढ़ कहा जा सकता है।

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T-34: यह सुरंग T-34 पाई-खड्ड और अंजी खड्ड को जोड़ने वाली एक ट्विन टनल है और इसकी लंबाई 5.099 किलोमीटर है। T-34 में ट्रेन संचालन के लिए एक मुख्य सुरंग और आपातकालीन निकासी के लिए एक समानांतर एस्केप सुरंग है, जिसमें हर 375 मीटर पर क्रॉस-पैसेज हैं। इसे सिरबन डोलोमाइट चट्टानों में बनाया गया है और यह भारत के पहले केबल-स्टेड ब्रिज से जुड़ा हुआ है।

T-33: यूएसबीआरएल के कटरा-बनिहाल सेक्शन पर स्थित 5.2 किलोमीटर लंबी सुरंग, T-33 मुख्य सीमा थ्रस्ट जैसे जटिल क्षेत्रों से होकर गुजरती है। भारी जल रिसाव और टूटती चट्टानों के कारण ‘आई-सिस्टम टनलिंग’ को अपनाया गया।

T-23: उधमपुर-चक रखवाल खंड पर सबसे लंबी सुरंग

T-23 उधमपुर-चक रखवाल सेक्शन पर सबसे लंबी सुरंग है जो 3.15 किलोमीटर तक फैली हुई है और इसमें गिट्टी रहित ट्रैक है जिसे स्लैब ट्रैक या कंक्रीट ट्रैक भी कहा जाता है। 2008 में, सुरंग के लगभग 1.8 किलोमीटर हिस्से को फिर से डिजाइन किया गया और रूट बदल दिया गया।

T-1: यह सुरंग T-1, 3.209 किलोमीटर लंबी रेलवे सुरंग है जो कटरा और रियासी के बीच स्थित है। T-1 के निर्माण में मुख्य सीमा क्षेत्र के कारण महत्वपूर्ण चुनौतियां सामने आईं। इसमें कीचड़ और पानी को साफ करने के लिए गहरी जल निकासी पाइप और केमिकल ग्राउटिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।

T-25: पानी के बहाव के खिलाफ 6 साल की लड़ाई के बाद यह 3 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई गई। 2006 में खुदाई के दौरान एक अंडरग्राउंड वॉटर फ्लो मिला, जिसके कारण प्रति सेकंड 500-2000 लीटर पानी बहने लगा। इस पानी को कंट्रोल करने में 6 साल लग गए। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स