महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापठक के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिए शिवसेना नेता संजय राउत के साथ ही उद्धव की महत्वाकांक्षी पत्नी रश्मि की भूमिका भी सामने आ रही है। इंडियन एक्सप्रेस में अपने छपे कॉलम में कूमी कपूर ने इस बारे में जानकारी दी है।
कूमी कपूर लिखती हैं कि शिवसेना के एनडीए से बाहर आने और मुख्यमंत्री पद के दावे में सामना के संपादक संजय राउत के साथ ही पत्नी रश्मि की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उद्धव ठाकरे अक्सर पर्दे के पीछे और टकराव से दूर रहने वाले व्यक्ति हैं। इससे पहले वह राजनीति की तुलना में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी को अधिक तव्वजो देते थे।
चुनाव परिणाम से पहले प्रचार के दौरान उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को पार्टी का चेहरा बनाए जाने को लेकर जुटे हुए थे। माना जा रहा था कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार की सत्ता में वापसी की सूरत में आदित्य ठाकरे को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
लेख के अनुसार चुनाव परिणाम आने के बाद रश्मि को यह अहसास हुआ कि भाजपा अब मजबूत स्थिति में नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपने पति उद्धव ठाकरे पर दबाव डाला कि उन्हें पांच साल में से आधे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनना चाहिए। पार्टी के हाल के पोस्टरों में शिवसेना अब आदित्य ठाकरे नहीं बल्कि उद्धव ठाकरे को सीएम को रूप में पेश कर रही है। घर पर हुई पार्टी की बैठक में उद्धव की पत्नी रश्मि भी मौजूद रहीं। इतना ही वह शिवसेना के कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेती नजर आती हैं।
निश्चित रूप से राउत को ठाकरे परिवार का पूरा विश्वास हासिल है। उनके अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को ठाकरे परिवार की तरफ से बोलने का अभी अधिकार भी नहीं है। वास्तव में आर्टरीज में ब्लॉकेज का कारण राउत की हाल ही में एंजियोप्लास्टी हुई है। इसके बावजूद दो दिन बाद ही राउत को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने को कहा गया।