Uddhav Thackeray: शिवसेना यूबीटी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने शनिवार को हाल ही में रिटायर हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लेकर गहरी निशाना व्यक्त की है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता मामले में कोई भी फैसला नहीं दिया। टॉइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘चंद्रचूड़ न्याय देने के बजाय एक टिप्पणीकार बनकर रह गए।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘अगर चंद्रचूड़ न्यायाधीश के बजाय कानून के व्याख्याता होते, तो उन्हें अधिक प्रसिद्धि मिलती।’
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व को चालाक बताते हुए उद्धव ठाकर ने कहा कि उन्हें कांग्रेस नेतृत्व सम्मान देता है और सहमति के साथ में काम करता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे काफी सम्मानीय रहे हैं। बीजेपी के नेतृत्व से ज्यादा उनमें मानवता है। भारतीय जनता पार्टी सिर्फ इस्तेमाल करो और फेकों वाली है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे तो महाराष्ट्र खत्म हो जाएगा।
अडाणी-धारावी मुद्दे पर क्या बोले उद्धव ठाकरे
अडाणी-धारावी मुद्दे पर भी शिवसेना यूबीटी चीफ ने खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से मुंबई को अडानी को तोहफे में दिया जा रहा है, वह मंजूर नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जैसे अग्रेजों के समय में मुंबई को दहेज के तौर पर दिया गया था, हम मुंबई को किसी को तोहफे में नहीं दे सकते। सरकार का फैसला जनता करेगी, अडाणी नहीं। मैं जब सीएम था तो गौतम अडाणी से मिला था, लेकिन धारावी के लिए किसी टेंडर से संबंधित नहीं था। जिस तरह से मुंबई को अडाणी को उपहार में दिया जा रहा है, यही कारण है कि मेरी सरकार गिरा दी गई।
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बटेंगे तो कटेंगे नारे पर भी दी प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी के नारे बटेंगे तो कटेंगे पर उद्वव ठाकरे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी का नारा यूज एंड थ्रो होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जब मैं सीएम था तो किसी को नहीं काटा गया था। वास्तव में भारतीय जनता पार्टी के शासित राज्यों में आग लगी हुई है। उनके पास बात करने के लिए कोई भी वास्तविक मुद्दा नहीं है। इसलिए वह इस सबका सहारा लेते हैं। वे महाराष्ट्र के चुनाव में पाकिस्तान की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सीएम बनने का सपना नहीं देख रहे हैं, बल्कि उनकी प्राथमिकता महाराष्ट्र को लूटने वालों को हराना है।