उदयपुर के पहाड़ी वन क्षेत्र में आदमखोर तेंदुआ अब तक पकड़ में नहीं आया है। जिसके चलते गोगुंदा और बड़गांव उपखंड के करीब 20 गांवों के लोग दहशत में है। लोग दहशत के चलते अपने घरों में कैद हैं। वन विभाग, पुलिस और सेना की टीमों के लगातार अथक प्रयासों के बावजूद आदमखोर तेंदुए को पकड़ा नहीं जा सका है। इस बीच आदमखोर तेंदुए को देखते ही गोली मारने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
याचिकाकर्ता ने जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस के वी विश्वनाथन और जस्टिस प्रशांत मिश्र की बेंच के सामने दलील दी थी कि आदमखोर तेंदुए की पहचान कैसे होगी? इस आदेश से बाघों को भी खतरा हो जाएगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि लोग बंदूकें लेकर जंगल में घूम रहे हैं जबकि उनको ट्रैंक्विलाइजर गन रखनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि कोर्ट अपने आदेश से सुनिश्चित करे कि तेंदुओं को मारा ना जाए।
जिस पर कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आखिर आपको क्यों लगता है कि वो मारने के लिए ही बंदूक लिए घूम रहे हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं जाते? बॉम्बे हाईकोर्ट की एक गाइडलाइन भी है आदमखोर जानवरों से निपटने के मामले में।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
एनडीटीवी राजस्थान की खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अजॉय दुबे द्वारा दायर याचिका में किसी भी किस्म की अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। यह याचिका राजस्थान वन विभाग के 1 अक्टूबर 2024 को पारित एक आदेश को चुनौती देने के लिए दाखिल की गई थी जिसमें कहा गया था कि तेंदुए को बेहोश करने की कोशिश की जाएगी लेकिन अगर वन विभाग ऐसा नहीं कर सका तो उसे मार दिया जाएगा।
उदयपुर में आदमखोर तेंदुए का आतंक
गौरतलब है कि इस आदमखोर तेंदुए के पिछले दो हमले जहां हुए वह दो गांव उदयपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर है। शुरू में जंगल के आसपास स्थित पांच पंचायत समितियों और 20 गांवों के करीब 20 किलोमीटर के दायरे में तलाश शुरू हुई। आदमखोर तेंदुए ने सभी सात शिकार इसी इलाके में किए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जैसे-जैसे तेंदुए के हमलों की संख्या बढ़ती गई, तलाश तेज होती गई। टीमों ने उस इलाके की पहचान कर ली है, जहां तेंदुआ घूम रहा है।
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वन विभाग ने मंगलवार को तेंदुए को मार गिराने की अनुमति जारी की। वन विभाग, पुलिस और सेना के 100 से अधिक जवानों ने गांव राठौड़ों का गुड़ा और केलवों का खेड़ा के पास के जंगल में इलाके को घेर लिया है जहां पिछले दो हमले हुए थे। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि ये टीमें पूरे गांवों और आसपास के जंगल में चौबीसों घंटे तेंदुए की तलाश कर रही हैं।
तलाशी दल तेंदुए को परेशान करने और उसे पकड़ने के लिए पटाखे फोड़ रहे हैं और ढोल बजा रहे हैं। उनके अनुसार, केलवों की ढाणी में बरसाती नाले के पास जाल बिछाया गया है। पैरों के निशानों से तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
(इनपुट-भाषा)