यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल को थोड़ी देर में उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया जाएगा। आज से ही विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। बजट के साथ यूसीसी बिल को भी सदन में रखा जाएगा। इससे पहले इस बिल को रविवार को कैबिनेट से पास किया गया था। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही इसको लेकर सरकार का रुख स्पष्ट कर चुके हैं। अगर UCC पारित हो गया और राज्यपाल से मंजूरी मिल गई तो उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी।

सभी नागरिकों के लिए एक कानून- UCC

यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक कानून प्रदान करता है। इसका अर्थ है कि सभी नागरिकों के लिए एक कानून लागू होगा। धर्म और जाति के लिए अलग कानून नहीं होगा। संविधान में भी इसका जिक्र किया गया है। संविधन के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता का जिक्र किया गया है।

यूसीसी कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार करने के बाद कहा था, “हमारा जोर महिलाओं, बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक समानता सुनिश्चित करना है। हमने मनमानी और भेदभाव को खत्म कर सभी को एक समान स्तर पर लाने का प्रयास किया है।”

जानें क्या होगा बदलाव

सूत्रों के मुताबिक यूसीसी ड्राफ्ट में कमेटी ने लड़कों के लिए शादी की उम्र 21 साल और लड़कियों की 18 साल निर्धारित की है। साथ ही तलाक के लिए महिला और पुरुष को बराबर अधिकार दिए गए हैं। वहीं महिला अगर दोबारा शादी करना चाहती है तो उस पर किसी भी तरह की शर्त नहीं होगी।

सूत्रों के अनुसार UCC कानून में हलाला को लेकर भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। हलाला मामले में तीन साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही अगर पति या पत्नी में से कोई भी जिंदा है तो वह दूसरी शादी नहीं कर सकेंगे। UCC में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए भी प्रावधान किया गया है। कानून के मुताबिक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी किया जाएगा। एक पोर्टल बनाया जाएगा जिस पर रजिस्ट्रेशन होगा।