प्रचंड बहुमत से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता में आई एनडीए सरकार के 26 मई 2016 को दो साल पूरे होने वाले हैं। युवाओं को आकर्षित कर सत्ता में आने वाले नरेंद्र मोदी पीएम बनने से पहले कई विवादों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहे और प्रधानमंत्री बनने के बाद भी यह सिलसिला जारी है। आइए जानते हैं 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से अब तक मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को कौन-कौन से विवाद हुए और कौन सी अहम घटनाएं घटीं।
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अगुस्तावेस्टलैंड: इस मामले में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी जैसे नेताओं के नाम जुड़ने के बाद कांग्रेस पार्टी संसद में चारों ओर से घिरी दिखाई दी। यह मामला अप्रैल 2016 में उस वक्त चर्चा में आया जब इटली के मिलान की अदालत ने अपने फैसले में माना कि अगुस्तावेस्टलैंड सौदे में भ्रष्टाचार हुआ। इटली की अदालत ने अगुस्तावेस्टलैंड के दो अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए सजा भी सुनाई। कोर्ट के फैसले में ऐसे दस्तावेज भी हैं, जिनमें इशारा किया गया है कि भारतीय नीति निर्धारकों को घूस देने के लिए करीब 200 से 250 करोड़ रुपए का बजट था। इसी फैसले के बाद अगुस्तावेस्टलैंड का मुद्दा भारत में गरमा गया।
ललित मोदी विवाद: ब्रिटेन के अखबार संडे टाइम्स ने जून 2015 में खबर छापी थी कि भारत की विदेश मंत्री सुषमा ने ललित मोदी को पत्नी के इलाज के लिए डेनमार्क भेजने के लिए ब्रिटिश सांसद कीथ वाज से सिफारिश की थी। यह खबर भारतीय मीडिया में आते ही हंगामा मच गया और कई हफ्तों मुद्दा गरमाया रहा। विपक्ष ने सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग, संसद का कामकाज रोका। सुषमा स्वराज की बेटी और पति पर भी आरोप लगे। बहस के दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया पर भी कांग्रेस ने आरोप लगाए। हालांकि, तीखे विरोध के बाद भी मोदी सरकार नहीं झुकी और सुषमा स्वराज पद पर बनी रहीं।
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विजय माल्या: बैंकिंग सिस्टम में सुधार के लिए की गई पहल के तहत सरकार ने उन लोगों पर नकेल कसने का प्रयास किया, जो पैसा होने के बाद भी बैंकों से लिया कर्ज (विलफुल डिफॉल्टर) नहीं लौटा रहे हैं। ऐसे लोगों की सूची में विजय माल्या का भी नाम आया, जिन पर बैंकों का करीब 9000 करोड़ का कर्ज बकाया है। लेकिन इससे पहले की भारतीय एजेंसियां कुछ कर पातीं, विजय माल्या ने देश छोड़ दिया। इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।
पीएम मोदी डिग्री विवाद: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अप्रैल 2016 में पीएम मोदी की डिग्री को लेकर सवाल उठाए। हालांकि, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी की डिग्री मीडिया के सामने पेश की, लेकिन केजरीवाल ने बीजेपी दावे को झूठा बता रहे हैं। मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर भी विवाद चल रहा है। यह मामला कोर्ट में है।
गुरदासपुर आतंकी हमला: जुलाई 2015 में 3 आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस स्टेशन पर हमला किया। इस हमले चार पुलिसकर्मी, 3 आम नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले की वजह से मोदी सरकार आलोचना के केंद्र में आ गई थी।
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पठानकोट आतंकी हमला: जैश ए मोहम्मद के चार आतंकी बॉर्डर क्रॉस करके पठानकोट एयरबेस में घुस गए थे। आतंकियों से निपटने के लिए सेना को कमान देने की जगह दिल्ली से कमांडो भेजे गए थे। इसके बाद यह ऑपरेशन सबसे लंबा चला। हालांकि, सेना अपनी ओर से सफाई दी, लेकिन मोदी सरकार के फैसलों पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कई रक्षा विशेषज्ञों ने सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए।
जेएनयू विवाद: 9 फरवरी 2016 को दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कैंपस में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए जाने का वीडियो सामने आया। इसके बाद जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और कुछ अन्य छात्रों को गिरफ्तार किया गया। छात्रों की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। कांग्रेस, वामपंथी दलों ने बीजेपी पर हिंदुत्व थोपने का आरोप जड़ा। स्मृति ईरानी पर भी आरोप लगे, जिसके बाद उन्होंने संसद में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
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एनआईटी श्रीनगर: अप्रैल 2016 में यह विवाद सामने आया था। टी-20 वर्ल्डकप के एक मैच में भारत विरोधी नारेबाजी के बाद एनआईटी में कश्मीरी और गैर कश्मीरी छात्रों के बीच तनाव हो गया था। नौबत यहां तक आ गई कि गैर कश्मीरी छात्रों ने दूसरे संस्थानों में ट्रांसफर की मांग कर दी। बाहरी छात्रों की पिटाई का एक वीडियो भी मीडिया में वायरल हुआ। इसके बाद एनआईटी में पढ़ने वाले करीब 1500 गैर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को 600 जवानों को तैनात करना पड़ा था।
दादरी कांड: 28 सितंबर 2015 को उत्तर प्रदेश के दादरी में गौमांस के शक की वजह से मोहम्मद अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले हुई थी। चुनाव में बीजेपी को हार मिली थी। उस वक्त अखलाक के बेटे ने कहा था कि जनता ने बीजेपी को सजा दे दी। इस मामले में के बाद गौमांस का मामला गरमाया रहा और बीफ को लेकर कई हिंसक घटनाएं सामने आईं। इस घटना के बाद देश में असहिष्णुता को लेकर जबर्दस्त बहस छिड़ी और कलाकार-साहित्याकारों ने अवॉर्ड वापसी कैंपेन भी चलाया। हालांंकि, अनुपम खेर जैसे कई कलाकार मोदी सरकार के समर्थन भी उतरे।