जम्मू-कश्मीर में LOC के नजदीक नौशेरा-सुंदरबनी सेक्टर में लैंडमाइन में धमाका होने पर दो सैनिकों की जान चली गई जबकि तीन जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए। दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान यह ब्लास्ट तब हुआ जब पेट्रोल कर रहे सैनिक गलती से लैंडमाइन पर चले गए। जोरदार धमाके में दो सैनिकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि अन्य जख्मी हो गए।
नौशेरा सेक्टर राजौरी जिले में आता है। यह वो इलाका है जहां सेना ने पिछले तीन हफ्तों से आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। बीते 18 सालों के दौरान यह सबसे लंबा ऑपरेशन है। सेना का मानना है कि आतंकी पुंछ के जंगलों में छिपे बैठे हैं। उनकी तलाश के लिए ये अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक सेना के नौ जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें दो ऑफिसर भी शामिल हैं। लेकिन अभी तक आतंकियों को जंगल से बाहर निकालने में कामयाबी नहीं मिल सकी है।
सेना के अधिकारियों के मुताबिक मेंढर के भट्टी दरियां के साथ के जंगलों में चलाया जा रहा तलाशी अभियान 11 अक्टूबर को शुरू हुआ था। इस दौरान एक पाकिस्तानी आतंकवादी 24 अक्टूबर को मुठभेड़ में मारा गया था। इससे पहले 11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर को सुरनकोट और मेंढर में अलग-अलग घटनाओं में नौ सैन्यकर्मियों की मौत हो चुकी है। दो महिलाओं सहित 12 से अधिक लोगों को तब पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, जब यह पता चला कि ये लोग कथित तौर पर आतंकवादियों को सहायता प्रदान कर रहे थे।
एक अधिकारी ने कहा कि छिपे हुए आतंकवादियों के बारे में अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। आतंकवादी खोज दलों के साथ सीधे संपर्क से बच रहे हैं। वो घने पत्ते, प्राकृतिक गुफाओं और कठिन इलाके का लाभ उठाकर भाग रहे हैं। पूरे जंगल को कड़ी सुरक्षा घेरे में रखा गया है। आतंकवादियों का सफाया करने के लिए अभियान जारी है। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षाबलों के अभियान के दौरान सूखी घास में आग लगने के बाद कुछ स्थानों पर जंगल के अंदर से धुंआ उठता देखा गया। हालांकि खोजी दलों ने आग पर काबू पा लिया है।