छत्तीसगढ़ में लगातार माओवादियों और नक्सलियों का खात्मा किया जा रहा है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों आए दिन लाल आतंक की रीढ़ तोड़ने की तैयारी में लगी है। इसी का परिणाम है कि सीपीआई (माओवादी) के सेंट्रल कमेटी के 2 सदस्यों के मारे गए हैं। जिसके बाद केंद्रीय पैनल में सदस्यों की संख्या अब आधी यानी 10 बच गई है। दरअसल गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल को खत्म करने के लिए 31 मार्च 2026 की डेडलाइन दे दी है। जिसपर सुरक्षा बल तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
दरअसल बीते 15 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने माओवादियों के खात्मे के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की थी। उन्होंने लिखा था ,’नक्सलियों के विरुद्ध हमारे सुरक्षा बलों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सुरक्षा बलों के जॉइंट ऑपरेशन में 1 करोड़ के इनामी सीसीएम मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज समेत 10 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया है। आगामी 31 मार्च से पहले लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है।’
सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति के दो सदस्य कादरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ कोसा और कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ राजू को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। अब मौजूदा वर्ष में केंद्रीय समिति के निर्णय लेने वाले सदस्यों की संख्या 10 बची है जो पूरी कमेटी की आधी है। ये संख्या महज 9 महीने के भीतर ही हुई है। सीपीआई (माओवादी) की पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी ही माओवादियों के बारे में निर्णय लेने की सर्वोच्च संस्था है।
सितंबर में ही मारे जा चुके हैं 4 माओवादी
इसी साल की बात करें तो सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति के सदस्यों को बारी-बारी से मार गिराया गया है। 19 जनवरी 2025 से अब तक की बात करें तो केंद्रीय समिति के नेता चलपति को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में मार गिराया गया था। इस दौरान समिति में चलपति के एक सहयोगी को भी ढेर किया गया। 21 अप्रैल को झारखंड में हुई मुठभेड़ में विवेक मांझी को मार गिराया गया। इसके बाद 21 मई को तो संगठन के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू की हत्या हुई। जबकि जून महीने में थेंटू लक्ष्मी उर्फ सुधाकर को छत्तीसगढ़ तो गजरला रवि को आंध्र प्रदेश में मार गिराया गया।
वहीं सितंबर माह में अबतक चार सदस्यों को मारा जा चुका है। 11 सितंबर को गरियाबंद में मोडेम बालाकृष्णन, 14 सितंबर को झारखंड में सहदेव सोरेन और बीते सोमवार (22 सितंबर) को कादर रेड्डी और कट्टा रेड्डी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। जबकि केंद्रीय समिति के एक अन्य सदस्य सुजाता ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
अभी बचे हैं ये माओवादी नेता
सीपीआई (माओवादी) के पोलित ब्यूरो में जीवित सदस्यों की बात करें तो महासचिव थिप्पिरी तिरुपति, देवजी, सोनू, गणपति और मिसिर बेसरा हैं। वहीं केंद्रीय समिति में पुल्लरी प्रसाद राव उर्फ चंद्रन्ना, गणेश उइके, अनल दा, मल्ला रेड्डी, रामदेर और मदवी हिडमा है।