चीन के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के दो नेता ट्विटर पर आपस में भिड़ गए। दरअसल, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ का दावा किया था। इस पर अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तपिर गाओ ने जवाब देते हुए कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। 

उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा था, ” आज मैं अरुणाचल के भाजपा सांसद तपिर गाओ से मिला। उन्होंने मुझसे कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोग चाहते हैं कि मैं अपना ध्यान अरुणाचल पर भी दूं। उन्होंने (तपिर गाओ) बताया कि चीन की सेना ने मैकमोहन रेखा पार कर ली है और राज्य के दक्षिण में तीन समानांतर जगहों पर घुसपैठ कर लिया है। अगले साल मैं जल्द अरुणाचल प्रदेश जाऊंगा।”

स्वामी के इस दावे पर भाजपा सांसद तपिर गाओ ने ट्वीट कर अपना जवाब दिया। तपिर गाओ ने कहा, ”मैं सुब्रमण्यम स्वामी से संसद के सेंट्रल हाल में दो दिसंबर को 10:35 बजे करीब मिला। उन्होंने मुझसे चीनी घुसपैठ के बारे में पूछा था। जिसपर मैंने उन्हें बताया कि 1962 में चीन ने दो-तीन जगहों पर कब्जा कर लिया था। तब कांग्रेस का शासन था, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में चीन ने कोई घुसपैठ नहीं किया है। दुर्भाग्य से उन्होंने मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।”

इसके पहले, राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बुधवार को दावा किया कि राज्यसभा सचिवालय ने उनके एक प्रश्न को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी। उनके अनुसार इस प्रश्न में यह पूछा गया था कि क्या चीनी सैनिकों ने लद्दाख में एलएसी को पार किया था?

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा था, ‘’यह हास्यास्पद है कि राज्यसभा ने मेरे इस सवाल पर आज सूचित किया कि राष्ट्रीय हित में इस प्रश्न को अनुमति नहीं दी जा सकती है कि क्या चीन ने एलएसी को पार किया?’ वहीं, सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यदि संवेदनशील मामला शामिल हो तो सचिवालय संबंधित मंत्रालय की सफारिशों के अनुरूप कार्य करता है।’’