उन्होंने पहले तो ट्विटर की खरीद के लिए 44 अरब अमेरिकी डालर (39 अरब पाउंउ) की बोली लगाई फिर इस सौदे से पीछे हटने का प्रयास किया। इसके बाद ट्विटर के बोर्ड ने अदालत की गुहार लगाई। अदालत के समक्ष इस मामले की सुनवाई में केवल करीब दो सप्ताह शेष रह गए हैं। इस बीच सौदे को लेकर मस्क ने दूसरी बार पलटी (यू-टर्न) मारी है।

सोशल मीडिया मंच ट्विटर को खरीदने के लिए दिए गए प्रस्ताव को पुनर्जीवित करते हुए उन्होंने प्रति शेयर 54.20 अमेरिकी डालर चुकाने का निर्णय लिया है। हालांकि, यह फैसला चौंकाने वाला नहीं है। वजह, इस मामले में उनके अदालत में हार जाने की अटकलें जोरों पर थीं। सिर्फ यह बात चौंका रही है कि उन्होंने कम कीमत के लिए सौदेबाजी करने की जगह गत अप्रैल में खरीद के लिए लगाई गई कीमत के मूल प्रस्ताव को ही बहाल करने का फैसला किया। लेकिन अगर यह कीमत बढ़ाने और मामले के समाधान में बाधा डालने वाली उनकी कोई दूसरी रणनीति है, तो अधिग्रहण के लिए शेयर धारकों की पुनर्जीवित उम्मीदें ट्विटर बोर्ड पर निश्चित रूप से दबाव डाल सकती हैं कि वह कम कीमत पर भी मामले को निपटाएं, ताकि सौदा हो सके।

मस्क के इस कदम का अधिक संभावित कारण यह है कि उनको अदालती मामले में अनुकूल परिणाम निकलने की उम्मीद कम है। अमेरिका की एक अदालत ने अब तय अदालती कार्यवाही को टाल दिया है ताकि मस्क ट्विटर को खरीदने के लिए जरूरी राशि जुटा सकें। इस तरह, यह अब भी अस्पष्ट है कि कैसे और कब सौदा अंतिम रूप से पूर्ण होगा। मस्क ने ट्विटर की खरीद के लिए 44 अरब अमेरिकी डालर की कीमत लगाई, जबकि ट्विटर अपने 16 साल के इतिहास में बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता होने के बावजूद सतत रूप से लाभ देने में अक्षम रहा था। इस ऊंची कीमत का असर यह हुआ कि ट्विटर बोर्ड ने तुरंत खरीद के लिए दिए गए मस्क के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

ट्विटर सौदे की कहानी उतार-चढ़ाव भरी है। सबसे पहले मस्क ने पाया कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के लिए भी एक साथ 44 अरब अमेरिकी डालर खर्च करना कठिन है। मस्क का ज्यादातर पैसा टेस्ला के शेयर से जुड़ा है। ऐसे में टेस्ला का कुछ हिस्सा बेचने से इसके शेयर मूल्य ध्वस्त हो सकते हैं। उन्हें जमानत के रूप में टेस्ला के शेयरों का इस्तेमाल करके विभिन्न स्रोतो से ऊंची दर पर उधार लेना पड़ा था।

मस्क के पहले के सौदे के बाद से ट्विटर के शेयर मूल्य काफी गिर गए। इस टेक स्टाक के लिए मुख्य सूचकांक, एनएएसडीएक्यू (नैस्डैक) पिछले एक साल के दौरान 35 फीसद गिर गया। ऊंची मुद्रास्फीति और ऊंचे ब्याज दर के कारण इस टेक कंपनी की लागत बढ़ गई, जबकि इसके उत्पाद और सेवाओं की मांग कम हो गई। कम मांग का मतलब है कि विज्ञान से होने वाली कम आय, जो कि ट्विटर की कमाई का मुख्य स्रोत है। सौदा होने के बाद से ट्विटर का शेयर बाजार मूल्य लुढ़कर 32 अरब डालर रह गया। इसके बाद ट्विटर बोर्ड की ओर से कानूनी कार्यवाही शुरू की गई।

इसके तहत खरीद प्रक्रिया पर अमल करने की बात थी या फिर शेयर धारकों को हुए 12 अरब डालर (लगाई गई कीमत और मौजूदा शेयर बाजार मूल्य के बीच का अंतर) के नुकसान की भरपाई करने की मांग की गई। यह मस्क के लिए बड़ी रकम नहीं थी, लेकिन वह सौदे को लेकर अदालत और अपीलीय तंत्र के माध्यम से मामला लड़ने के इच्छुक थे।