आज कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार को 24 मंत्रियों का पूर्ण राज्य मंत्रिमंडल मिल जाएगा। सुबह 11.45 पर  राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। इससे पहले  मंत्रियों के चयन को लेकर शुक्रवार को दिनभर गहमागहमी रही।

कर्नाटक में कांग्रेस प्रभारी और पार्टी  महासचिव रणदीप सुरजेवाला राज्य के वरिष्ठ नेता और मंत्री सतीश जारकीहोली और राजभवन के सूत्रों ने पुष्टि की है कि सरकार ने राज्य के राज्यपाल थावरचंद गहलोत को शपथ ग्रहण समारोह के लिए जानकारी दे दी है।

वफ़ादारों को शामिल करने की लड़ाई

कांग्रेस के सूत्रों ने शुक्रवार (26 मई) की सुबह संकेत दिया कि सभी जातियों और क्षेत्रों के 24 उम्मीदवारों की एक सूची तैयार कर ली गई है लेकिन कई विधायकों द्वारा पैरवी करने के प्रयासों के रहते शपथ ग्रहण के समय तक बदलाव हो सकता है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक यह भी कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल में अपने-अपने वफादार नेताओं को जगह देने की होड़ में सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच टसल भी देखी गयी है। कांग्रेस ने आम तौर पर मंत्रिमंडल के लिए उम्मीदवारों की पसंद में दिग्गजों के बजाय युवाओं को चुना है और चुनावों से पहले पार्टी के काम में योगदान को भी ध्यान में रखा है।

पिछले हफ्ते सीएम और डिप्टी सीएम समेत आठ मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। रविवार को पूरी कैबिनेट की बैठक के बाद विभागों पर फैसला होने की उम्मीद है।

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे ईश्वर खंड्रे ने दिल्ली से लौटने के बाद शुक्रवार को कहा कि लगभग 22 से 24 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। हमारे पास अभी पूरी जानकारी नहीं है।

किसका कितना प्रतिनिधित्व

मंत्रिमंडल में सात लिंगायत मंत्री, डीके शिवकुमार सहित पांच वोक्कालिगा, अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों के पांच सदस्य, दो मुस्लिम, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दो सदस्य, लिंगायत समुदाय की एक महिला, एक जैन, एक मराठा, एक राजपूत, एक ईसाई और सीएम सिद्धारमैया सहित अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूहों के आठ सदस्य होने की उम्मीद है।

पहले सीएम पद पर रस्साकशी, अब मंत्रिमंडल विस्तार कैसे?

वैसे ये मंत्रिमंडल विस्तार इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि सीएम पद को लेकर पहले ही कर्नाटक कांग्रेस में रस्साकशी का दौर दिख चुका है। आलम ये रहा है कि कई दिनों तक पार्टी चुनावी जीत के बाद भी अपने सीएम का ऐलान नहीं कर पाई थी। अभी के लिए डीके शिवकुमार ने समझौता करते हुए डिप्टी सीएम का पद स्वीकार जरूर किया है, लेकिन ऐसा दावा है कि मंत्रिमंडल में उनके करीबियों को ज्यादा पद मिलेंगे। अब असल सियासी तस्वीर क्या रहने वाली है, इसका फैसला आज हो जाएगा जब 24 के करीब मंत्री शपथ लेंगे।

कर्नाटक का जनादेश क्या रहा?

कर्नाटक चुनाव के नतीजों की बात करें तो इस बार कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की है, यानी कि बहुमत से कई सीटें ज्यादा। दूसरी तरफ बीजेपी सिर्फ 66 सीटें ही अपने नाम कर पाई और जेडीएस 19 के फेर में फंस गई। इस तरह ये चुनाव पूरी तरह कांग्रेस का रहा जहां पर शुरुआत से लेकर अंत तक सबकुछ उसके पक्ष में गया।