समाज में कट्टरता और तालीबानी मानसिकता को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। भारत धर्म निरपेक्ष देश हैं। यहां पर सभी धर्म-संप्रदाय के लोग एक साथ रहते हैं। सभी को समान अधिकार हैं। संविधान का नियम और कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है। इसको लेकर अक्सर टेलीविजन पर बहस भी होती रहती है। कई मुस्लिम नेता अक्सर सड़क पर हत्या को लेकर सवाल उठाते रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके भी फतवे जारी करने और जेहाद के नाम पर कत्लेआम को लेकर आलोचना होती रही है।
न्यूज चैनल जी-न्यूज पर ‘ताल ठोंक कर’ कार्यक्रम में एंकर अमन चोपड़ा के साथ डिबेट में इस्लामिक स्कॉलर मौलाना अली कादरी ने कहा कि आप अपनी तालिबानी मानसिकता बदलिए। एंकर अमन चोपड़ा ने कहा कि मुंह में संविधान, दिल में कत्लेआम की भावना रखने वाले लोग गला काटने को गलत क्यों नहीं कहते हैं। इतनी कट्टरता क्यों है? कहा कि देश को कट्टरता से आजादी कब मिलेगी? इसको लेकर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना अली कादरी और एंकर अमन चोपड़ा में बहस शुरू हो गई। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर बोलते रहे। एंकर अमन चोपड़ा ने कहा कि आज आप चैनल पर कह दीजिए कि कमलेश तिवारी का गला काटना गलत था, फ्रांस में टीचर का गला काटना गलत था। मौलाना अली कादरी ने ऐसा बोलने से इंकार कर दिया।
#TaalThokKe: मुंह पर संविधान दिल में क़त्लेआम ?#KattartaSeAzadiKab पर ट्वीट कीजिए @AmanChopra_
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— Zee News (@ZeeNews) April 13, 2021
उन्होंने कहा कि आप कमलेश तिवारी के इतने बड़े भक्त हैं। आप हर डिबेट में कमलेश तिवारी, कमलेश तिवारी बोलते रहते हैं। हम कमलेश तिवारी को नहीं जानते हैं। आप दूसरे मुद्दों पर बात नहीं करते हैं, सिर्फ कमलेश तिवारी को ही हर बात बोलते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि कमलेश तिवारी का गला किसने काटा, क्यों काटा हमें क्या पता। हम नहीं बोलेंगे। एंकर अमन चोपड़ा ने कहा कि आप नहीं बोलेंगे क्योंकि आपके मुंह पर संविधान होता है और दिल में कट्टरता होती है। इसलिए आप इसे नहीं बोलेंगे।
मौलाना अली कादरी ने कहा कि आप अपनी तालिबानी मानसिकता को बदलिए। हम संविधान को मानने वाले लोग है। और संविधान के हिसाब से चलते हैं। आप गलत धारणा पेश कर रहे हैं। हम इसे नहीं मानेंगे। जब तक हमें मालूम नहीं चलेगा कि किसी की हत्या क्यों की गई है, हम उस पर नहीं बोलेंगे।